सीएम योगी के कर्म स्थली गोरक्षनगरी के खूनीपुर मोहल्ले की बेटी ऐमन जमाल ने पहली महिला मुस्लिम आईपीएस बनकर जनपद और पूर्वांचल का मान बढ़ाया है। वह हैदराबाद में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। जल्द ही उन्हें तैनाती भी मिल जाएगी। आगे जानिए, ऐमन जमाल का अब तक का सफर कैसा रहा।
यूं चढ़ीं सफलता की सीढ़ियां
शहर के खूनीपुर मोहल्ले की ऐमन जमाल ने प्राथमिक से 12वीं कक्षा तक कार्मल गर्ल्स इंटर कॉलेज में पढ़ाई की। वर्ष 2004 में 63 फीसदी अंकों के साथ हाईस्कूल और वर्ष 2006 में 69 प्रतिशत अंकों के साथ इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की। सेंट एंड्रयूज कॉलेज से जंतु विज्ञान विषय से 2010 में स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण की।
वर्ष 2016 में अन्नामलाई विश्वविद्यालय से दूरस्थ माध्यम से मानव संसाधन में डिप्लोमा किया। प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए दिल्ली स्थित रेजिडेंशियल कोचिंग एकेडमी जामिया हमदर्द में भर्ती हुईं। वर्ष 2017 में उनका चयन केंद्रीय श्रम विभाग में हुआ। वर्ष 2018 में वे ऑर्डिनेंस क्लोदिंग फैक्ट्री शाहजहांपुर में सहायक श्रमायुक्त के पद पर नियुक्त हुईं।
कारोबारी हसन जमाल और प्राइमरी स्कूल शिक्षिका अफरोज बानो की बेटी ऐमन जमाल ने बताया कि आईपीएस पद पर चयन से पूर्व वह केंद्रीय श्रम विभाग में सहायक श्रमायुक्त के पद पर तैनात थीं। 2017 से ऑर्डिनेंस क्लोदिंग फैक्ट्री में सहायक श्रमायुक्त पद पर कार्य करते हुए वह भारतीय प्रशासनिक सेवा की तैयारी करती रहीं।
ऐमन ने बताया कि 2019 में प्रारंभिक परीक्षा पास करने के बाद ऐमन ने सामाजिक विज्ञान विषय से मुख्य परीक्षा दी। साक्षात्कार के बाद 499वीं रैंक हासिल की और भारतीय पुलिस सेवा में उनका चयन हुआ। अब आईपीएस का प्रशिक्षण ले रही हूं। ऐमन की चार बहनें और एक भाई हैं। दो बहनें और भाई डॉक्टर हैं। एक बहन एमबीए तो छोटी बहन हाईस्कूल की पढ़ाई कर रही है। ऐमन कहती हैं कि पढ़ाई को लेकर परिवार का हमेशा सहयोग मिला। खास करके मां ने बहुत ध्यान दिया। इससे प्रशासनिक सेवा की तैयारी की राह आसान हो गई।
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐमन जमाल का भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में चयन होने पर उन्हें बधाई देते हुए कहा था कि ऐमन अपने समाज विशेषकर मुस्लिम लड़कियों के लिए रोल मॉडल हैं।
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