महालक्ष्मी को प्रसन्न रखना हैं तो यह एक काम शाम को न करें

 



महालक्ष्मी चलाय मान हैं। ठहरना उनका मूल स्वभाव नहीं है। उन्हें स्थिर रखने के लिए आवश्यक है कि उन्हें अप्रसन्न करने वाली कोई बात हमसे न हो पाए। ऐसा ही एक कार्य बुहारना या कहें झाड़ू लगाना है।

बुहारी अथवा झाड़ू हर घर में नित्य लगाई जाती है। इससे घर साफ रहता है। इससे घर में स्वच्छता और पवित्रता बढ़ती है। इससे सब प्रसन्न रहते हैं और धन संपदा की वृद्धि होती है। इसी कारण दीपोत्सव में झाड़ू का भी पूजन लोकाचार में प्रचलित है।

झाड़ू सुबह लगाना जितना सकारात्मक है। शाम को उतना ही इसका प्रभाव कमजोर माना गया है। कहा गया है कि शाम को झाड़ू न लगाया जाए। इससे लक्ष्मी जी अप्रसन्न होती हैं। इससे घर में दरिद्रता आती है।

साथ ही झाड़ू को कभी खुले में न रखें। उसे खड़ा करके न रखें। खुले में झाड़ू रखने से घर में लक्ष्मी का ठहराव कठिन होता है। झाड़ू को हमेशा प्रयोग के स्वच्छ और छिपाव वाले स्थान पर ही रखना चाहिए।

खड़ा हुआ झाड़ू रखने से घर में कलह विवाद झगड़े की स्थिति बनती है। यह भी ध्यान रखें कि झाड़ू की सींक या रेशे अत्यधिक फैलाव वाले न हों। उन्हें सही से बांधकर रखें।

प्राचीन मान्यताओं से भी शाम को झाड़ू लगाने नुकसान की बात कही गई है। शाम को अंधेरे में सफाई ठीक से न हो पाने और कोई महत्वपूर्ण वस्तु उजाले के अभाव मे घर से बाहर बुहार दिए जाने की आशंका बनी रहती है। इससे बचने के लिए आवश्यक है अच्छे उजाले में घर को बुहारा जाए।

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