‘‘टीकाकरण से बढ़ा आत्मविश्वास, कोविड को हरा कर लेंगे दम’’

गोरखपुर में सबसे पहले जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने लगवाया टीका

• खुद कोविड चैंपियन रह चुके स्वास्थ्य विभाग के तीन और अधिकारियों ने आगे बढ़ कर ली टीके की डोज

• न तो टीका लगने के पहले डर था और न ही टीका लगने के बाद हुई कोई तकलीफ

• नगर विधायक, एडी हेल्थ, जिलाधिकारी, सीडीओ और सीएमओ की मौजूदगी में हुआ टीकाकरण का शुभारंभ

 


गोरखपुर, 16 जनवरी 2021। कोरोना की लड़ाई में दिन रात एक करके जुटे स्वास्थ्यकर्मियों ने टीकाकरण के मोर्चे पर भी खुद को आगे रखा। खास बात यह रही कि सबसे पहले टीका लगवाने के लिए जिले के जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. नीरज कुमार पांडेय खुद आगे आए। उनको टीका लगा तो कोरोना को हरा कर कोविड चैंपियन बन चुके अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एसएन त्रिपाठी, जिला अस्पताल के वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ. राजेश और अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एएन प्रसाद भी तुरंत वेरीफिकेशन करवा कर टीकाकरण की लाइन में लग गये। जिला अस्पताल में बने बूथ पर जब चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने टीके के प्रति आत्मविश्वास दिखाया तो बाकी लोग भी स्वतः स्फूर्त चेतना से टीका लगवाने के लिए आगे बढ़ने लगे। टीकाकरण के बाद एक ही प्रतिक्रिया थी कि न तो उन्हें टीका लगने से पहले डर था और न ही टीका लगने के बाद कोई तकलीफ हुई। टीकाकरण नगर विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल, एडी हेल्थ डॉ.जनार्दन मणि त्रिपाठी, जिलाधिकारी के.विजयेंद्र पांडियन, मुख्य विकास अधिकारी इंद्रजीत सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधाकर पांडेय की मौजूदगी में हुआ। सभी को टीका लगवाने के बाद दूसरी डोज का समय 15 फरवरी बताया गया।



जिले में सर्वप्रथम टीका लगवाने वाले जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. नीरज कुमार पांडेय ने बताया कि उन्हें टीके के प्रति कोई भय या आशंका कभी नहीं रही। उनके मन में पहले से था कि अगर यह मौका मिला तो कभी पीछे नहीं हटेंगे। संयोगवश यह मौका मिल भी गया। चूंकि वह चिकित्सक है इसलिए पहले से जानते हैं कि हर टीके का थोड़ा बहुत प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, जिसके लिए वह तैयार थे। हांलाकि कोविड के टीके का कोई प्रतिकूल असर उन्हें महसूस नहीं हुआ। दूसरे नंबर पर टीका लगवाने वाले रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) प्रभारी डॉ. एसएन त्रिपाठी अक्टूबर में कोरोना पॉजीटिव रह चुके हैं। उनका कहना है कि जब टीका आने की जानकारी उन्हें हुई तो वह तभी से मन बना चुके थे कि आगे बढ़ कर टीका लगवाएंगे। टीके से उन्हें किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं हुई।


अगस्त माह में कोविड-19 के कारण गंभीर तौर पर बीमार रह चुके जिला अस्पताल के वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ. राजेश ने पूरे परिवार के साथ कोविड का दंश झेला था। उन्होंने बताया कि वह पहले से ही टीकाकरण के लिए मन बना चुके थे। जब उन्हें सूचना मिली कि उनको टीका लगना है तो मन बहुत प्रसन्न हुआ। अब चाहते हैं कि जनसामान्य का भी टीकाकरण शुरू हो जाए ताकि परिवार के बाकी सदस्यों को भी टीका लग सके।


अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एएन प्रसाद भी दिसम्बर माह में कोविड पॉजीटिव रह चुके हैं। उन्होंने चौथे नंबर पर टीका लगवाया। टीका लगने के बाद उन्हें कोई दिक्कत नहीं हुई। उन्होंने बताया कि टीका लगने के बाद न कॉटन का इस्तेमाल करना होता है और न ही कोई और चीज से टीकाकरण वाली जगह को स्पर्श करना होता है। वह पूरी तरह से सामान्य हैं। टीका ही वह तरीका है जिससे कोविड को हराया जा सकता है।

थोड़ी सी शंका थी जो खत्म हो गयी

उच्चाधिकारियों और मीडिया की भारी मौजूदगी में टीका लगाने के प्रति मन में थोड़ी सी आशंका थी कि कहीं कोई चूक न हो जाए लेकिन बेहतर प्रशिक्षण और अधिकारियों के आत्मविश्वास को देख कर यह वहम रफूचक्कर हो गया। यह कहना है उद्घाटन सत्र में टीकाकरण करने वाली एएनएम वर्तिका वर्मा का। उन्होंने बताया कि टीकाकरण के पहले उन्होंने मरीज से यह पता किया कि कहीं उसे कोई गंभीर तो नहीं है। अगर महिला है तो गर्भवती या धात्री तो नहीं हैं। यह पता करने के बाद टीका लगाने का प्रशिक्षण दिया गया था। वर्तिका का सहयोग कर रही एएनएम अनिता पाल और सुपरवाइजर विनि सिंह ने कहा कि टीकाकरण की शुरूआत में योगदान देकर आत्मसंतुष्टि मिली है। आशा कार्यकर्ता ममता मौर्या ने बताया कि उन्हें बताया गया था कि टीका लगने के बाद पर्यवेक्षण कक्ष में सभी से बात कर जानना है कि किसी को कोई परेशानी तो नहीं हुई।


पार्टनर संस्थाओं के योगदान को सराहा

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधाकर पांडेय ने टीकाकरण करवाने वाले सभी अधिकारियों और स्वास्थ्यकर्मियों को बधाई देते हुए पार्टनर संस्थाओं की भूमिका को भी सराहा है। उन्होंने बताया कि डब्ल्यूएचओ, यूनीसेफ, यूएनडीपी, चाई, सीफॉर ने टीकाकरण के दौरान अच्छी भूमिका का निर्वहन किया है। मीडिया का भी काफी सकारात्मक योगदान रहा है। इस अवसर पर एसीएमओ डॉ. नंद कुमार, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. एके पांडेय, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी केएन बरनवाल, उप जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी सुनीता पटेल, एनएचएम के डिवीजनल प्रोग्राम मैनेजर अरविंद पांडेय, डीपीएम पंकज आनंद, डीसीपीएम रिपुंजय पांडेय, जिला क्वालिटी कंसल्टेंट डॉ. मुस्तफा खान प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।

Comments