अतीक पर और कसा शिकंजा, करोड़ों कीमत का लाल बंगला कुर्क करेगी पुलिस

 


प्रयागराज यूपी पुलिस ने माफिया अतीक अहमद पर अपना शिकंजा और कस दिया है। प्रयागराज में उसके करोड़ों के लाल बंगले पर पुलिस की नजर है। आरोप है कि अतीक एंड कंपनी ने इसे अवैध तरीके से अर्जित संपत्ति से बनाया। इसी लाल बंगले के चक्कर में प्रॉपर्टी डीलर जैद की देवरिया जेल में पिटाई हुई थी। अब पुलिस इस संपत्ति को गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क करने वाली है। सिविल लाइंस पुलिस ने कार्रवाई करने के लिए रिपोर्ट भेज दी है।

पुलिस ने बताया कि माफिया अतीक अहमद के साथ मिलकर आबिद प्रधान और उसका दामाद प्रॉपर्टी डीलर जैद धूमनगंज में प्लाटिंग करते थे। बदले में कमाई का एक हिस्सा अतीक अहमद को पहुंचाते थे। अतीक अहमद के जेल जाने के बाद भी यह क्रम जारी था। बमरौली में जहां पर मोहम्मद जैद का मकान है, उसी के पीछे करोड़ों की प्रॉपर्टी है जिसे लाल बंगला के नाम से भी पुकारते हैं। बताया जाता है कि लाल बंगले की इसी प्रॉपर्टी को लेकर जैद और अतीक अहमद के बीच टशन हुआ था। 2019 में अतीक अहमद ने जैद को धूमनगंज से देवरिया जेल बुलवाया और वहीं पर उसकी जमकर पिटाई की थी।

इस वारदात के बाद जनवरी 2020 में धूमनगंज थाने में अतीक अहमद और उसके गुर्गों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। धूमनगंज पुलिस ने अतीक और उनके करीबियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज कर लिया। इसकी जांच सिविल लाइंस पुलिस को मिली। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि लाल बंगला आबिद प्रधान के छोटे भाई माजिद की पत्नी शमा अफरोज के नाम से रजिस्टर्ड है। पुलिस का कहना है कि 15 बिस्वा में बनाई गई यह प्रॉपर्टी करोड़ों की है। इस मकान को अवैध रूप से धन अर्जित करके बनाई गई है। माफियाओं की इस संपत्ति को भी कुर्क करने के लिए सिविल लाइंस पुलिस ने रिपोर्ट भेज दी है।

2017 से जेल में है अतीक, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ था केस 

गौरतलब है कि अतीक अहमद फिलहाल गुजरात की अहमदाबाद जेल में बंद है। वह 2004 से 2009 तक उत्तर प्रदेश के फूलपुर से 14वीं लोकसभा में समाजवादी पार्टी का सांसद था। इसके अलावा वह पांच बार विधायक रह चुका है। 11 फरवरी, 2017 से जेल में है। सीबीआई ने 23 अप्रैल, 2019 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उसके खिलाफ मामला दर्ज किया था। साल-2018 के दिसंबर में देवरिया जेल में बंद अतीक अहमद ने लखनऊ के जमीन कारोबारी को अगवा कराकर जेल के भीतर पीटा था।

कारोबारी द्वारा राजधानी के कृष्णानगर कोतवाली में अतीक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी थी। किरकिरी के बाद शासन ने इस प्रकरण में देवरिया जेल के डिप्टी जेलर समेत चार जेलकर्मियों को निलंबित किया था। जनवरी में अतीक को देवरिया से बरेली जेल शिफ्ट कर दिया था। लोकसभा चुनाव के दौरान 19 अप्रैल 2019 को अतीक को सरकार ने बरेली से नैनी शिफ्ट किया था। उसके बाद पीड़ित कारोबारी ने अतीक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच कराने के साथ ही अतीक को गुजरात जेल भेजने के निर्देश दिए थे।

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