10 महाविद्याओं को प्रसन्न करने की पूजा है गुप्त नवरात्रि

 

हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। मुख्य रूप से नवरात्रि शरद और चैत्र में आते हैं। लेकिन शास्त्रों में कुल चार प्रकार के नवरात्रि वर्णित हैं। शरद नवरात्रि, चैत्र नवरात्रि, माघ नवरात्रि और आषाढ़ नवरात्रि।  माघ और आषाढ़ नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहते हैं। इस साल माघ गुप्त नवरात्रि 12 फरवरी 2021 (शुक्रवार) से शुरू हो रहे हैं।

अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, माघ गुप्त नवरात्रि जनवरी-फरवरी महीने में मनाई जाती है। जबकि आषाढ़ नवरात्रि जून-जुलाई के महीने में आते हैं। गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के साथ ही तांत्रिक 10 महाविद्याओं को प्रसन्न करने के लिए पूजा की जाती है। गुप्त नवरात्रि मुख्य रूप से साधुओं, तांत्रिकों द्वारा मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए व तंत्र साधना के लिए मनाया जाता है। मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा को जितना गुप्त रखा जाता है, फल उतना ही ज्यादा मिलता है।

गुप्त नवरात्रि 2021 तिथि और घट स्थापना शुभ मुहूर्त-

नवरात्रि शुरू 12 फरवरी 2021 दिन शुक्रवार
नवरात्रि समाप्त 21 फरवरी 2021 दिन रविवार
कलश स्थापना मुहूर्त- सुबह 08 बजकर 34 मिनट से 09 बजकर 59 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से 12 बजकर 58 मिनट तक।

गुप्त नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के इन स्वरूपों की होती है पूजा-

मां कालिके
तारा देवी
त्रिपुर सुंदरी
भुवनेश्वरी
माता चित्रमस्ता
त्रिपुर भैरवी
मां धूम्रवती
माता बगलामुखी
मातंगी
कमला देवी

मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए ऐसे करें पूजा

कहते हैं कि गुप्त नवरात्रि के दौरान तांत्रिक और अघोरी मां दुर्गा की आधी रात में पूजा करते हैं। मां दुर्गा की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित कर लाल रंग का सिंदूर और सुनहरे गोटे वाली चुनरी अर्पित की जाती है। इसके बाद मां के चरणों में पानी वाला नारियल, केले, सेब, खील, बताशे और श्रृंगार का सामान अर्पित किया जाता है। मां दुर्गा को लाल पुष्प चढ़ाना शुभ माना जाता है। सरसों के तेल से दीपक जलाकर 'ॐ दुं दुर्गायै नमः' मंत्र का जाप करना चाहिए।

आचार्य पं शरदचन्द़ मिश्र अध्यक्ष-रीलीजीयस स्कालर्स वेलफेयर सोसायटी गोरखपुर।

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