आखिर पुत्र का हकदार कौन ?

यदि पत्नी किसी अन्य पुरूष से पुत्र प्राप्त कर ले तो उस पर किसका अधिकार होगा...❓




मध्य प्रदेश के कटनी जिले में सुंदरपुरी एक गाँव था, उसमें एक गरीब आदमी रहता था। उसकी शादी हो गई दोनो पति-पत्नि आराम से रहने लगे।

कुछ दिनों बाद वह आदमी अपनी पत्नी से बोला - मै अब बाहर व्यापार करने जा रहा हूँ, आज ही के दिन एक बरस बाद लौट आऊँगा, ऐसा कह कर पति चला गया।

पति वहाँ व्यापार में व्यस्त हो गया और पत्नी यहाँ अकेली थी, पत्नी रोज सुबह नहा धोकर पैदल ही सब्जी खरीदने जाती थी।

उसी बाजार में एक धनवान पुरूष भी रोज कार से सब्जी खरीदने आता था, वह रोज इस महिला को आते हुए देखता था, एक दिन वह पुरूष उस महिला से बोला - आओ मै आपको घर तक छोड़ दूँगा। नही मै चली जाऊँगी महिला ने कहा, वो आदमी बोला डरो मत मेरा घर भी आपकी अगली गली में है, मै आपको सकुशल पहुँचा दूँगा।

अब वह स्त्री कार में बैठ गई, उस पुरूष ने शांति विनम्रता और शालीनता के साथ उस स्त्री को उसके घर के सामने उतार कर चला गया। अब यह रोज का क्रम बन गया।

एक दिन वह पुरूष उस स्त्री से स्नेह तथा आदर से बोला - आओ चाय पीकर चली जाना स्त्री ने उसका आग्रह स्वीकार कर लिया तथा चाय पीकर चली गई, सिलसिला आगे बढ़ा भोजन भी होने लगा, उन दोनो के मध्य प्रेम उत्पन्न हो गया और परिणाम हुआ - एक सुन्दर पुत्र

अब वह स्त्री अपने पुत्र को उस पुरूष के घर ही रखती व नित्य एक बार जाकर उसे लाड़ प्यार से दूध पिला कर लौट आती।

एक बरस पूरा हो गया महिला के पति के लौट आने की तारीख़ आ गई, पति आ गया, अब पत्नी का ध्यान पुत्र में होने के कारण वह पति की बातों पर ध्यान न दे पा रही थी, उसे अशांत व खिन्न देखकर पति ने उससे पूछा - सच सच बता क्या हुआ ?

तब पत्नी से सब बात कह दी और पुत्र की याद आना बताया !!

पति बोला - अपना पुत्र है, जा ले आ !!

पत्नी गई और जाकर उस पुरूष से बोली कि मेरे पति आ गये हैं और मै अपना पुत्र लेने आई हूँ। वह पुरूष बोला - पुत्र नही दूँगा वह मेरा है।

अब स्त्री और उसका पति दोनों पुत्र माँग रहें हैं तथा वह पुरूष पुत्र को अपने पास रखना चाहता है। मामला न्यायालय में गया। न्यायाधीश के समक्ष सबने अपने तर्क़ सुनाए।

(1) महिला के पति ने कहा - जब मेरी शादी हुई तो मेरे पास 5 एकड़ जमीन थी। मै व्यापार करने परदेश गया तथा यह कहकर गया कि जब बोवनी का समय आएगा तब मै आ जाऊँगा परन्तु यदि किसी कारण न आ पाऊँ तो तू किसी से खेत बुआ लेना, बरसात शुरू हो गई और मै न आ पाया तो मेरी पत्नी ने मेरा खेत दूसरे से बुआ लिया, अब बोने वाला व्यक्ति कह रहा है कि फसल मेरी है..? तो फसल तो खेत मालिक की ही रहेगी, बुआई करने वाला व्यक्ति चाहे तो मजदूरी ले ले, परन्तु फसल पर अधिकार तो खेत मालिक का ही रहेगा।

(2) दुसरे पुरूष ने कहा - मै एक रोज सैर करने जाता था, एक दिन सैर करने गया सड़क पर मुझे एक खाली डिब्बी पड़ी मिली मैने इधर उधर देखा - मुझे कोई डिब्बी का मालिक दिखाई न दिया डिब्बी बहुत सुन्दर थी।

मैने डिब्बी उठा ली तथा अपने जेब से एक हीरा निकाल कर डिब्बी मे रख दिया, कुछ दिन बाद मुझे एक आदमी मिला वह कहने लगा यह डिब्बी तो मेरी है ! मैने डिब्बी मे से हीरा निकाल कर अपने पास रख लिया और डिब्बी उसके मालिक को लौटा दी, अब वह आदमी कहता है कि हीरा भी मुझे दो,  हीरा तो मैने रखा था तो हीरा तो मै ही रखूँगा, उसकी डिब्बी मै वापस देने को तैयार हूँ पर हीरे का मालिक तो मै ही हूँ..?

(3) पत्नी ने कहा - जब मेरी शादी हुई तो मेरे पिता ने एक भैंस दी थी, भैंस दूध देती थी, एक दिन मेरे पास जामन नही था, (दूध को जमाकर दही बनाकर घी निकालने के लिए दूध में थोड़ा सा दही डालना पडता है उसे जामन कहते हैं ) मैने एक पड़ौसी से माँगकर जामन ले लिया तथा दूध जमा लिया फिर मैने उस दही की देखभाल की तथा मथ कर घी निकाला, अब वह जामन देने वाला कह रहा है कि घी मेरा है! घी तो उस का ही रहेगा जिसका दूध था ! जरा सा जामन दे देने से घी उसका कैसे हो सकता है ? वह चाहे तो जामन के पैसे ले ले ??

तीनों के अपने अपने किस्से व तर्क थे, तीनों की बात सुनकर न्यायाधीश भी निर्णय नहीं ले पाएं, और उन्होंने समय से पहले ही सन्यास ले लिया।

अब पुत्र किसे मिलना चाहिये ?
है क्या जवाब किसी के पास* हो तो हमे जरुर बताये...✍️

Comments