लोक संस्कृति के गीतों को घर घर पहुचाने का प्रयास करें: अपर जिलाधिकारी/नगर




गोरखपुर, 28 फरवरी। विलुप्त हो रहे लोकगीतों को संरक्षित कर उन्हें नई पीढ़ी से जोड़ने का कार्य अति प्रसंसनीय है, विलुप्त हो रहे लोकगीतों को घर घर तक पहुचाने का कार्य करना।

संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश एवं लोकगायिका स्व मैनावती देवी द्वारा स्थापित शारदा संगीतालय के संयुक्त तत्वावधान में लोक परम्परा को संरक्षित करने एवं नई पीढ़ी को लोक परम्परा से जोड़ने के उद्देश्य से आयोजित 10 दिवसीय प्रस्तुति परक होली गीत कार्यशाला के शुभारंभ के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि राकेश कुमार श्रीवास्तव, एडीएम/सिटी ने कही। संगीत नाटक एकेडमी के सदस्य एवं लोक गायक राकेश श्रीवास्तव के निर्देशन मे पारंपरिक फगुआ कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है जो दिनांक 1 मार्च से 10 मार्च तक होगा, प्रशिक्षित प्रतिभागियों द्वारा आमंत्रित श्रोताओं के बीच प्रस्तुति भी होगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता रमेश सिंह ने कहा कि फगुआ गीत हमारी धरोहर है जो विलुप्त होती जा रही है जिसे हमे बचाना होगा आवश्यकता है इसके संरक्षण की जिसे राकेश श्रीवास्तव बड़े ही निष्ठा और समर्पण से कर रहे है। 

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ मनोज गौतम, (उप निदेशक, बौद्ध संग्रहालय) एवं अशोक पांडेय, (प्रिंसीपल, विकास भारती) थे।

संचालन शिवेंद्र पांडेय ने किया, स्वागत कनक हरि अग्रवाल तथा आभार डॉ निशि अग्रवाल ने किया। 

कार्यक्रम का शुभारंभ "आइल वसंत ऋतु आइल हो मोरा मन अजराइल......एक वसंत गीत से हुआ। इसमें हृदया त्रिपाठी, विभा सिंह, सीमा राय, कनिष्का श्री, उर्वशी श्रीवास्तव, सलोनी मिश्रा, श्रुति कसौधन, अवंतिका दुबे, प्रमिला दुबे, उषा श्रीवास्तव, अंजना लाल, बृजेश विश्कर्मा, पवन पंछी, आकाश गुप्ता, सुमित, बंटी, अहमद अली, पंकज मिश्रा और पवन कुमार का सहभागिता रही।  

इस अवसर पर विजय शंकर विश्वकर्मा, विजय कुमार श्रीवास्तव, डॉ अमर चन्द्र, मानवेन्द्र त्रिपाठी सहित तमाम लोग उपस्थित थे।

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