युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत आजाद थे चंद्रशेखर



गोरखपुर। गुरुकृपा संस्थान एवं अखिल भारतीय क्रांतिकारी संघर्ष मोर्चा के बैनर तले महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद जी की बलिदान दिवस की पूर्व संध्या पर आज शुक्रवार की शाम आजाद चौक स्थित चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा का साफ़-सफाई किया गया। उनके समक्ष 90 दीप जलाकर कर, माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। कार्यक्रम में शामिल युवाओं ने उनके कृतित्व व्यक्तित्व और गौरवशाली अतीत को याद किया।

इस अवसर पर बृजेश राम त्रिपाठी ने कहा कि महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की 90 वीं  बलिदान दिवस की पूर्व संध्या पर आज  देश उनको शिद्दत से याद कर रहा है। 

उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर आजाद भारत के उन महान क्रांतिकारियों में से एक हैं जिनके नाम से अंग्रेजों की रुह कॉप जाया करता था। वह दृढ़ निश्चयी थे जो ठान लिया उस प्रण को पूर्ण किये बिना चैन नहीं लेते थे, वह एक निर्भीक क्रांतिकारी थे, उसे करके दिखाते थे। जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया। बेखौफ अंदाज के लिए जाने जाने वाले आजाद सिर्फ 14 साल की उम्र में 1921 में गांधी जी के असहयोग आंदोलन से जुड़ गए थे। गांधीजी द्वारा असहयोग आंदोलन को अचानक बंद कर देने के कारण उनकी विचारधारा में बदलाव आया और वे हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के सक्रिय सदस्य बन गए। 

क्रांतिकारी सँघर्ष मोर्चा के सक्रिय सदस्य शिशिर त्रिपाठी विश्वास ने उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई 1906 को मध्य प्रदेश के भाबरा नामक ग्राम में पिता सीताराम तिवारी एवं माता जगरानी देवी के आंगन में हुआ था।  देश की अनेकों क्रांतिकारियों ने इस देश को अंग्रेजों के चुंगल से मुक्त कराने में अपना बलिदान दिया है उनमें से चंद्र शेखर आजाद के देश के लिए त्याग, बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता है। हम सभी को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।

कार्यक्रम में शिशिर त्रिपाठी विश्वास, प्रेमनाथ सिंह, शिवम रौनियार, अभिषेक सिंह, अभिनव सिंह, संजय निषाद, विशाल सिंह राजपूत, मुकुंद पांडेय भारद्वाज,अजय मौर्या, रमेश चंद्र त्रिपाठी, उधम सिंह, अनुराग उपाध्याय, विनय शर्मा, निलेश कुमार पांडेय, सनी भारती आदि उपस्थित रहें।

Comments