चैत्र नवरात्र 13 से:इस बार घोड़े पर सवार होकर आएंगी देवी, घोड़े की सवारी होने से बढ़ जाती है युद्ध की आशंका, प्रशासन और सरकार में उथल-पुथल के साथ बदलाव के योग भी बनते हैं।
जब भी माता घोड़े पर सवार होकर आती हैं बढ़ जाती है युद्ध की आशंका
काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित भरत मिश्र का कहना है कि इस बार चैत्र नवरात्रि मंगलवार को शुरू होगी, जिसकी वजह से मां घोड़े पर सवार होकर आएंगी। इससे पहले शारदीय नवरात्रि पर भी मां घोड़े पर सवार होकर आई थीं। देवी मां जब भी घोड़े पर आती हैं, तो युद्ध की आशंका बढ़ जाती है। साथ ही शासन सत्ताधारी एवं शासकों के लिए उथल-पुथल की स्थिति और परिवर्तन के योग कारक होंगे। प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना के साथ ही नवरात्रि पर्व की शुरुआत होगी। घट स्थापना करते हुए भगवान गणेश की वंदना के साथ माता शैल पुत्री की पूजा, आरती की जाती है।
साल में आते हैं 4 नवरात्र
पंचांग के मुताबिक ये हिंदू नववर्ष का पहला दिन रहेगा। नवरात्र का समापन 21 अप्रैल को रामनवमी के अबूझ शुभ मुहूर्त के साथ ही होगा। बता दें कि साल में कुल चार बार नवरात्र मनाए जाते हैं। जिनमें चैत्र और शारदीय नवरात्र मुख्य माने जाते हैं। वहीं, माघ और आषाढ़ में गुप्त नवरात्र होते हैं। नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापना भी की जाती है और इन दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जाती है।
देवी के इन नौ स्वरूपों की होगी आराधना
13 अप्रैल : प्रतिपदा- मां शैलपुत्री की पूजा और घटस्थापना
14 अप्रैल : द्वितीया- मां ब्रह्मचारिणी पूजा
15 अप्रैल : तृतीया- मां चंद्रघंटा पूजा
16 अप्रैल : चतुर्थी- मां कुष्मांडा पूजा
17 अप्रैल : पंचमी- मां स्कंदमाता पूजा
18 अप्रैल : षष्ठी- मां कात्यायनी पूजा
19 अप्रैल : सप्तमी- मां कालरात्रि पूजा
20 अप्रैल : अष्टमी- मां महागौरी
21 अप्रैल : रामनवमी- मां सिद्धिदात्री
22 अप्रैल : दशमी- नवरात्रि पारण।
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