मनोहारी कीर्तन दीवान, खालसा पंथ के गूंजे जैकारे

 

- गुरूद्वारा जटाशंकर में श्रद्धापूर्वक मना खालसा साजना दिवस वैसाखी पर्व

- कोविड गाइडलाइन का पालन करते दिखे श्रद्धालु

- अमृतसर के रागी जत्थों ने मधुर गुरूवाणी गायन से जीवंत की  खालसा पंथ की महान गाथा


गोरखपुर। सिख धर्म का स्थापना दिवस यानि खालसा साजना दिवस वैसाखी पर्व मंगलवार को श्रद्धा व उल्लास के भाव में मना। यद्यपि हर वर्ष की भांति इस लगातार दूसरे वर्ष कोरोना के प्रकोप के चलते गुरूद्वारा प्रबंध समिति ने वैसाखी पर्व जैसे महत्वपूर्ण त्योहार को बड़े सादगी से मनाने का प्रबंध किया, फिर भी गुरू के प्रति अथाह श्रद्धा रखने वाले चंद समय के लिए ही सही लेकिन गुरू घर शीश नवाने जरूर आए।

खालसा साजना दिवस वैसाखी पर्व की शुरूआत प्रात: 8 बजे विगत तीन दिन से चल रही श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के अखंड पाठ के समापन से हुई, तत्पश्चात अस्सी फुट ऊंचा श्री निशान साहिब के वस्त्र बदलने की सेवा की गई। उसके पश्चात भव्य रूप से सजे गुरूद्वारा साहिब के दीवान हाल में सत्संग कार्यक्रम प्रारंभ हुआ, जिसमें सर्वप्रथम गुरूद्वारा जटाशंकर के हजूरी रागी भाई तेजिंदर सिंह, अमित सिंह का जत्था फिर गुरूद्वारा श्री गुरूनानक सत्संग ज्ञानीञानी रसपाल सिंह व इंद्रजीत सिंह ने मधुर गुरूवाणी गायन कर संगत को निहाल किया।

उनके बाद कार्यक्रम के सर्वाधिक आकर्षण का केंद्र श्री अमृतसर साहिब पंजाब से विशेष रूप से आमंत्रित रागी इंद्रजीत सिंह का जत्था रहा, जिन्होंने लगभग ढाई घंटे तक गुरूवाणी में दर्ज वीर रस के कीर्तन के साथ खालसा पंथ की महान वीरगाथा पर विस्तृत वर्णन करते हुए सबको भक्तिरस से अभिसिंचित कर दिया।

इस अवसर पर गुरूद्वारा समिति ने गुरू दर्शन को पधारे पूर्व महापौर सत्या पांडेय सहित तमाम प्रमुख जन को सिरोपा भेंट कर सम्मानित किया।

कार्यक्रम के अंत में हेड ग्रंथी जी द्वारा अरदास व पावन हुक्मनामा लेकर सबको शुभकामनाएं भेंट की गईं। कार्यक्रम का संचालन उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी के सदस्य एवं गुरूद्वारा जटाशंकर प्रबंध समिति के सह सचिव जगनैन सिंह नीटू, अतिथि स्वागत अध्यक्ष जसपाल सिंह एवं आभार ज्ञापन मैनेजर राजिंदर सिंह ने किया।

आयोजन में महामंत्री कुलदीप सिंह अरोरा, चरनप्रीत सिंह मोंटू, गगन सहगल, मनप्रीत सिंह रिंकू उप्पल, धर्मपाल सिंह, अजीत सिंह, रघुबीर सिंह, रविंदर पाल सिंह पप्पू, कुलदीप सिंह नीलू, मनमोहन सिंह लाडे, जोगेंद्र सिंह, त्रिलोचन सिंह गोरखनाथ, दौलत राम, भजन दास, गोपाल भाई, गुरमीत सिंह, गुरमीत कौर, मंजीत सिंह, मंजीत कौर, दुर्गा मृगवानी, सोनी साहनी, राजिंदर सिंह चड्ढा, परमिंदर सिंह रोबिन, बलबीर सिंह, जसबीर सिंह कंवल, मंजीत भाटिया, केपीएस सैनी सहित बड़ी संख्या में लोगों का सक्रिय योगदान रहा।



- गाइडलाइन का पालन, नहीं जुटने दी गई भीड़

गोरखपुर। कौरोना प्रकोप को देखते हुए विगत वर्ष की भांति इस बार भी शासन द्वारा प्रदत्त गाइडलाइन का पूर्ण पालन किया गया। गुरूद्वारा प्रवेश द्वार से घुसते ही सेनेटाइज के साथ प्रत्येक श्रद्धालु को मास्क देकर सोशल दूरी बनाए रखने का‌ आग्रह बार-बार स्पीकर से किया जाता रहा। श्रद्धालुओं से निरंतर बहुत अधिक देर तक गुरूद्वारा में नहीं रुकने की विनती की जा रही थी।



- पैकिंग लंगर का हुआ वितरण

गोरखपुर। विगत वर्ष नवंबर माह में श्री गुरूनानक जयंती के बाद आज पुनः वैसाखी पर्व के दिन कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए गुरूद्वारा जटाशंकर में पैक लंगर का वितरण किया गया। सुबह 10 से दोपहर 3 बजे तक श्रद्धालु आकर गुरू दर्शन के बाद गुरू का लंगर प्रसाद लेकर अपने घरों को प्रस्थान करते रहे।

Comments