कोरोना का कहर: डेढ़ घंटे तक बेड के इंतजार में एंबुलेंस में दम तोड़ दिया मरीज, न बेड मिला और न ही ऑक्सीजन

गोरखपुर। जिले में एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। यहां जगन्नाथपुर के सत्यनारायण गुप्ता (60) ने इलाज के अभाव में बीआरडी मेडिकल कॉलेज परिसर में दम तोड़ दिया। सत्यनारायण का ऑक्सीजन लेवल कम हो गया था। वेंटिलेटर युक्त बेड की जरूरत थी, जो नहीं मिल सका। इसपर परिजनों ने कड़ी नाराजगी जताई और व्यवस्था को जमकर कोसा।

सत्यनारायण गुप्ता की तबीयत 12 दिन पहले खराब हुई थी। पहले होम क्वारंटीन में रहे लेकिन 18 अप्रैल को ऑक्सीजन लेवल कम होने लगा। परिजनों ने वेंटिलेटर युक्त अस्पताल की तलाश की लेकिन सफलता नहीं मिल सकी। लिहाजा, इंदिरानगर स्थित न्यू लोटस अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। वह ऑक्सीजन सपोर्ट पर चल रहे थे।

सत्यनारायण के दामाद धीरेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि गुरुवार को दोपहर तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। ऑक्सीजन लेवल 40 पर आ गया। इससे वेंटिलेटर की जरूरत पड़ गई। इसकी सूचना जिले के आला अफसरों व चिकित्सकों को दी गई। सत्यानाराण को डिस्चार्ज कराके एंबुलेंस से बीआरडी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। वह डेढ़ घंटे तक एंबुलेंस में ही पड़े रहे। काफी मान-मनौव्वल के बाद चिकित्सक आए और गंभीर स्थिति को देखते हुए भर्ती करने को कहा। स्ट्रेचर भी लाया गया लेकिन एंबुलेंस का ऑक्सीजन सपोर्ट जैसे ही हटाया गया, वैसे ही मौत हो गई। अगर समय से वेंटिलेटर मिल जाता तो शायद जान बच सकती थी। इस सिलसिले में बीआरडी मेडिकल कॉलेज प्रशासन का पक्ष नहीं मिल सका है। पक्ष मिलते ही प्रकाशित किया जाएगा।

ब्लैक में लिया ऑक्सीजन गैस का सिलिंडर

       फाईल फोटो

होम आइसोलेशन के दौरान भी सत्यनाराण को सांस लेने में दिक्कत हुइ थी। धीरेंद्र ने बताया कि तब ब्लैक में दो ऑक्सीजन सिलिंडर लिया था। एक-एक सिलिंडर 8500-8500 रुपये में मिले थे। कुछ दिन में ऑक्सीजन खत्म हुआ तो भरवाने की दिक्कत आई। इसे भरवाने के लिए संतकबीरनगर तक जाना पड़ा है।

एंबुलेंस चालक ने आठ हजार रुपये वसूले

इंदिरानगर से बीआरडी मेडिकल कॉलेज तक सत्यनारायण को लेने जाने के लिए एंबुलेंस चालक ने आठ हजार रुपये वसूले हैं। धीरेंद्र का कहना है कि सब मनमानी पर उतारू हैं। जनता का कोई सुनने वाला नहीं है। इंदिरानगर से मेडिकल कॉलेज की दूरी मुश्किल से सात किलोमीटर होगी, फिर भी आठ हजार रुपये ले लिए गए।

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