अक्षय पुण्यों की प्राप्ति हेतु करें मां गौरी की पूजा

माँ दुर्गाजी की आठवीं शक्ति का नाम महागौरी है। दुर्गापूजा के आठवें दिन महागौरी की उपासना का विधान है। इनकी शक्ति अमोघ और सद्यः फलदायिनी है। इनकी उपासना से भक्तों के सभी कल्मष धुल जाते हैं, पूर्वसंचित पाप भी विनष्ट हो जाते हैं। भविष्य में पाप-संताप, दैन्य-दुःख उसके पास कभी नहीं जाते। वह सभी प्रकार से पवित्र और अक्षय पुण्यों का अधिकारी हो जाता है।



नवरात्रि की अष्टमी माँ महागौरी को समर्पित 

नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी देवी की पूजा का विधान है। माता महागौरी माँ दुर्गा का आठवां स्वरूप हैं और इन्हें आदि शक्ति माना गया है। महागौरी माँ की पूजा अत्‍यंत कल्‍याणकारी और मंगलकारी है। ऐसी मान्‍यता है कि सच्‍चे मन से अगर माता कि पूजा की जाए, तो सभी पाप नष्‍ट हो जाते हैं और जातक को अलौकिक शक्तियां प्राप्‍त होती हैं। अष्टमी के दिन माता महागौरी की पूजा के बाद कन्‍या पूजन का विधान है। 

देवी महागौरी की पूजा से जातक के सभी पाप धुल जाते हैं। यानि कि माता की पूजा करने से व्यक्ति का मन व शरीर पूरी तरह से शुद्ध हो जाता है। महागौरी माता की पूजा से इंसान के अंदर के सभी अपवित्र और अनैतिक विचार नष्ट हो जाते हैं और इंसान के अंदर सकारात्मक ऊर्जा भी बढ़ने लग जाती है। अगर किसी व्यक्ति में एकाग्रता की कमी हो या त्वचा संबंधी समस्या हो, तो उसे भी महागौरी देवी की पूजा की सलाह दी जाती है। इसके अलावा देवी दुर्गा के इस स्वरूप की सच्चे मन से पूजा करने पर मधुमेह, हारमोंस और आँख की बीमारी जैसी परेशानियों से छुटकारा पाया जा सकता है। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार माता महागौरी राहु ग्रह को नियंत्रित करती हैं, और इसीलिए इनकी पूजा करने से राहु ग्रह के बुरे प्रभाव कम होते हैं।

-पं देवेन्द्र प्रताप मिश्र

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