आस्था का केंद्र है दीवान बाजार की काली माता

 -कई दशकों से यहां होती थी "अखाड़ा माई" के पिंडी की पूजा




गोरखपुर। महानगर के दीवान बाजार में स्थित काली माता का मंदिर आस्था केंद्र बनी हुई है। यहां पहुंचने वाले सभी भक्तों का हर दुख उनकी तकलीफ मां की एक झलक भर देखने से ही दूर हो जाती है। इस मंदिर में मां के प्रतीक में तीन पिंडियां विराजमान है। जो कई दशकों से "अखाड़ा माई" के नाम से विराजमान हैं। वैसे तो इस मंदिर का स्वरूप 11 मार्च 2020 में दी गई है। इसके पहले यहां एक विशालकाय नीम का पेड़ मौजूद था और उसी के नीचे एक चबूतरे पर मां के स्वरूप तीन पिंडियां विराजमान थी। जिसे खंडित होने के कारण से यहां के स्थानीय निवासियों ने मिलकर अपने सहयोग से मां काली की भव्य मंदिर का स्वरूप दिया।

 इस मंदिर में मां काली का विशाल प्रतिमा स्थापित है। तो उनकी बगल में ही महाबली हनुमान की मूर्ति भी विराजमान है। मंदिर के अंदर ही "अखाड़ा माई" के स्वरूप की पिंडियां आज भी विराजमान है। जिनकी पूजा निरंतर की जाती है। इस मंदिर के पुजारी पंडित राम निवास मिश्र हैं। मंदिर के सेवादार विनोद सिंह ने बताया कि इस मंदिर की महिमा अपरम्पार है। यहां पर जो भी भक्त सच्चे दिल मां की आराधना करता हैै, उसकी सभी कामना पूरी होती है। यहां पर नवरात्रि में भक्तों की भारी भीड़ लगी है। लेकिन कोरोना महामारी ने इसका स्वरूप बदल दिया। इस दौरान जो भी श्रद्धालु मास्क लगाकर आता है, सिर्फ वही दर्शन पूजन कर सकता हैं। इस मंदिर में कोविड 19 के नियमों का पूरा पालन किया जा रहा है। सुबह शाम आरती पूजन के साथ मंदिर स्थापना दिवस पर महा भंडारे का आयोजन किया जाता है।

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