जीवन में आने वाले संकटों से रक्षा करती हैं मां कालरात्रि

नवरात्रि की सप्तमी तिथि में मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। मां कालरात्रि की पूजा करने से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। मां कालरात्रि की पूजा से शनिदेव भी शांत होते हैं। मां कालरात्रि की पूजा जीवन में आने वाले संकटों से रक्षा करती हैं।

अगर किसी के घर में आये दिन कोई न कोई अप्रिय घटना घटित हो रही है, और परिवार के सदस्यों में आपसी सामंजस्य स्थापित नही हो रहा है, परिवार में लोग किसी न किसी बिमारी अगर किसी के घर में आये दिन कोई न कोई अप्रिय घटना घटित हो रही है, और परिवार के सदस्यों में आपसी सामंजस्य स्थापित नही हो रहा है, परिवार में लोग किसी न किसी बिमारी से ग्रसित हैं, अकाल मृत्यु निरन्तर हो रही है तो माता कालरात्रि की आराधना अवश्य ही करनी चाहिए, माता अपने भक्तों की रक्षा अवश्य करती है।

नवरात्रि के सातवें दिन माँ कालरात्रि की पूजा करने और इस दिन व्रत रखने से भय,दुर्घटना और रोगों का नाश होता है। माना जाता है कि माता के इस स्वरूप की उपासना करने से  नकारात्मक ऊर्जा या फिर तंत्र-मंत्र का असर नहीं होता। इनकी उपासना शत्रु और विरोधियों को नियंत्रित करने के लिए बेहद शुभ होती है। ज्योतिष के अनुसार माँ कालरात्रि शनि ग्रह को नियंत्रित करती हैं, इसीलिए इनकी पूजा करने से शनि ग्रह के दुष्प्रभाव कम होते हैं। माँ कालरात्रि की उपासना करने वालों को यम, नियम, संयम का पूर्ण पालन करते हुए, मन, वचन व काया की पवित्रता रखनी चाहिए। देवी कालरात्रि की पूजा करने से काम, क्रोध, मद और लोभ जैसे मानसिक दोष दूर हो जाते हैं। माँ कालरात्रि की उपासना से होने वाले शुभ फलों की गणना नहीं की जा सकती। से ग्रसित हैं, अकाल मृत्यु निरन्तर हो रही है तो माता कालरात्रि की आराधना अवश्य ही करनी चाहिए, माता अपने भक्तों की रक्षा अवश्य करती है।

नवरात्रि के सातवें दिन माँ कालरात्रि की पूजा करने और इस दिन व्रत रखने से भय, दुर्घटना और रोगों का नाश होता है। माना जाता है कि माता के इस स्वरूप की उपासना करने से  नकारात्मक ऊर्जा या फिर तंत्र-मंत्र का असर नहीं होता। इनकी उपासना शत्रु और विरोधियों को नियंत्रित करने के लिए बेहद शुभ होती है। ज्योतिष के अनुसार माँ कालरात्रि शनि ग्रह को नियंत्रित करती हैं, इसीलिए इनकी पूजा करने से शनि ग्रह के दुष्प्रभाव कम होते हैं। माँ कालरात्रि की उपासना करने वालों को यम, नियम, संयम का पूर्ण पालन करते हुए, मन, वचन व काया की पवित्रता रखनी चाहिए। देवी कालरात्रि की पूजा करने से काम, क्रोध, मद और लोभ जैसे मानसिक दोष दूर हो जाते हैं। माँ कालरात्रि की उपासना से होने वाले शुभ फलों की गणना नहीं की जा सकती।

-पं देवेन्द्र प्रताप मिश्र

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