प्रदेश के गांवों में कोरोना की रोकथाम के लिए 5 मई से शुरू होगा टेस्टिंग अभियान

यूपी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि इस वृहद अभियान के सम्बंध में टेस्ट किट, आरआरटी की संख्या आदि में बढ़ोतरी सहित सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली जाएं। 


लखनऊ। कोविड संक्रमण से गांवों को सुरक्षित रखने के लिए प्रदेश में 5 मई से विशेष कोविड टेस्टिंग अभियान शुरू हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस वृहद अभियान के सम्बंध में टेस्ट किट, आरआरटी की संख्या आदि में बढ़ोतरी सहित सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली जाएं। ये निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को टीम-9 के साथ हुई बैठक में दिए।
उन्होंने बताया कि कोविड पर प्रभावी नियंत्रण और आवश्यक रणनीति के लिए राज्य स्तर पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों का एक सलाहकार पैनल तैयार किया जा रहा है। यह पैनल राज्य स्तरीय टीम-09 को समय-समय पर परामर्श देगी साथ ही सभी कोविड अस्पताल प्रभारियों व मेडिकल कॉलेज के प्राचार्यों से सतत संपर्क में रहेगी। उनका मार्गदर्शन करती रहेगी। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का परामर्श रणनीति तैयार करने में उपयोगी होगा।

मुख्यमंत्री ने बैठक में ये बातें कहीं:
- पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में नए केस में गिरावट आ रही है जबकि डिस्चार्ज होने वालों की संख्या बढ़ रही है। बीते 24 घंटों में प्रदेश में 25,858 नए कोविड केस की पुष्टि हुई है, जबकि इसी अवधि में 38,683 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए हैं। प्रदेश में अब तक 10,43,134 लोगों ने कोविड को हराकर आरोग्यता प्राप्त की है। यह स्थिति संतोषप्रद है। प्रदेश में नए कोविड केस कम हो रहे हैं, जबकि रिकवरी दर बेहतर हो रही है।

- उत्तर प्रदेश सर्वाधिक टेस्टिंग करने वाला राज्य है। बीते 24 घंटों में 2,08,558 सैम्पल टेस्ट हुए, जिसमें 1,18,000 टेस्ट केवल आरटीपीसीआर माध्यम से हुए। अब तक प्रदेश में 4.18 करोड़ टेस्ट हो चुके हैं। 'टेस्ट, ट्रैक ट्रीट' के मंत्र के अनुरूप कार्यवाही तेजी से की जाए।

- कोविड मरीजों की स्वास्थ्य सुरक्षा में हमारे चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टाफ सहित सभी अस्पतालों की ओर से सतत सहयोग प्राप्त हो रहा है। इनका सेवाभाव और दायित्व निर्वहन की भावना प्रेरणास्पद है।
प्रदेश के सभी जिलों में सेक्टर मजिस्ट्रेट प्रणाली लागू की गई है
- कोविड सम्बन्धी व्यवस्था को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से प्रदेश के सभी जिलों में सेक्टर मजिस्ट्रेट प्रणाली लागू की गई है। सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने क्षेत्र में लगातार भ्रमण करें। अस्पताल के बाहर भी यह लोग भ्रमण करते रहें, लोगों की मदद करते रहें। हर छोटी-बड़ी गतिविधियों पर सीधी नजर रखें। हर जरूरतमंद को सरकारी नीतियों के अनुरूप सभी जरूरी मदद उपलब्ध कराएं। इस व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। कोविड मरीजों के लिए शासन द्वारा तय डिस्चार्ज पॉलिसी को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।

- प्रदेश में रेमेडेसीवीर सहित जीवनरक्षक मानी जा रही सभी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश के लिए रेमेडेसीवीर का दैनिक आवंटन भी बढ़ा दिया है। सरकारी कोविड अस्पतालों में यह इंजेक्शन पूर्णतः निःशुल्क है। निजी अस्पतालों को जरूरत के अनुसार डीएम/सीएमओ द्वारा इसकी उपलब्धता कराई जा रही है। सभी जिलाधिकारी और सीएमओ यह सुनिश्चित करें कि जब भी किसी मरीज को यह इंजेक्शन दिया जाए तो वहां नर्सिंग स्टाफ के साथ-साथ एक चिकित्सक भी उपस्थित हो। इस जीवनरक्षक दवा की मांग, आपूर्ति और खपत का पूरा विवरण रखा जाए।

- प्रदेश के कुछ जनपदों में कुछ अस्पतालों में अव्यवस्था की शिकायतें प्राप्त हुई हैं। जनपद के  सीएमओ यह सुनिश्चित करें कि कोविड अस्पतालों में वरिष्ठ चिकित्सक नियमित अंतराल पर भ्रमण करते रहें। सभी निजी एवं सरकारी कोविड अस्पताल में एक व्यक्ति की जिम्मेदारी तय की जाए कि वह दिन में कम से कम एक बार मरीज के स्वास्थ्य की अद्यतन जानकारी उसके परिवारीजन को अवश्य दे। यह व्यवस्था प्रभावी ढंग से लागू कराई जाए। आपदा की इस स्थिति में मरीजों और उनके परिजनों के साथ पूरी संवेदनशीलता के साथ व्यवहार होना चाहिए।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का एक सलाहकार पैनल तैयार किया जा रहा है
- कोविड पर प्रभावी नियंत्रण और आवश्यक रणनीति के लिए राज्य स्तर पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों का एक सलाहकार पैनल तैयार किया जा रहा है। यह पैनल राज्य स्तरीय टीम-09 को समय-समय पर परामर्श देगी साथ ही सभी कोविड हॉस्पिटल प्रभारियों/मेडिकल कॉलेज के प्राचार्यों से सतत संपर्क में रहेगी। उनका मार्गदर्शन करती रहेगी। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का परामर्श रणनीति तैयार करने में उपयोगी होगा।

- कोविड संक्रमण की स्थिति को देखते हुए प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है। मेडिकल एजुकेशन, स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ निजी अस्पतालों को भी कोविड मरीजों के उपचार के लिए क्रियाशील किया गया है। जरूरत बेड की संख्या बढ़ाने की है। हमें सभी जिलों में बेड्स की वर्तमान क्षमता को दोगुना करना होगा। चिकित्सा शिक्षा मंत्री स्तर से कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाए।

- लखनऊ में एचएएल द्वारा 250 बेड का हॉस्पिटल जल्द ही क्रियाशील ही जायेगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा यहां के लिए मानव संसाधन की व्यवस्था कराई जाए। इसी प्रकार लखनऊ और वाराणसी में डीआरडीओ के सहयोग से सभी सुविधाओं से युक्त नया कोविड अस्पताल भी तैयार किया गया है। केजीएमयू में 140 बेड और बढ़ जाएंगे। लखनऊ में ही कैंसर हॉस्पिटल में विशेष कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल क्रियाशील हो रहा है।

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