मुलायम सिंह यादव के गांव सैफई ने रचा इतिहास, 50 वर्षों में पहली बार पड़े वोट, दलित बना प्रधान

 

इटावा। यूपी पंचायत चुनाव 2021 में पूर्व मुख्‍यमंत्री मुलायम सिंह यादव के गांव सैफई ने भी एक नया इतिहास रच दिया है। इस गांव में 50 वर्षों में पहली बार वोट पड़े, मतगणना हुई और मुलायम सिंह परिवार के समर्थित उम्‍मीदवार रामफल वाल्‍मीकि ने जीत हासिल की। रामफल की जीत का फासला भी बहुत बड़ा रहा। उन्‍हें कुल 3877 वोट मिले ज‍बकि उनकी प्रतिद्वंदी विनीता को सिर्फ 15 वोट ही मिल पाए। 

पूर्व मुख्‍यमंत्री मुलायम सिंह यादव की वजह से सैफई हमेशा चर्चा में रहता है। बताया जा रहा है कि पिछले 50 वर्षों में पहली बार यहां मतदान की नौबत आई। इसके पहले तक यहां के प्रधान पद पर निर्विरोध निर्वाचन ही होता था। 1971 से मुलायम सिंह के मित्र दर्शन सिंह यादव लगातार सैफई के ग्राम प्रधान निर्वाचित होते थे। पिछले साल 17 अक्‍टूबर को उनके निधन से यह सीट खाली हो गई। इस बार त्रिस्‍तरीय पंचायत चुनाव में इस सीट को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया। इस चुनाव में मुलायम सिंह यादव के परिवार ने रामफल वाल्‍मीकि का समर्थन किया। रामफल को एकतरफा वोट मिले। पहली बार इस गांव में कोई दलित ग्राम प्रधान बना है। 


अखिलेश के चचेरे भाई ने जिला पंचायत सीट पर बनाई बढ़त 

उधर, मुलायम सिंह यादव के भतीजे और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चचेरे भाई अभिषेक यादव भी जीत की ओर बढ़ चले हैं। जिला पंचायत सीट पर वह 3780 मतों से आगे चल रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार 10वें राउंड की मतगणना में अभिषेक को 4125 मत मिले थे जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के राहुल यादव को 345 मत। अभिषेक यादव सैफई द्वितीय से उम्मीदवार हैं। वह यहां से निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष भी हैं।

Comments