कोवाक्सिन : भारत बायोटेक ने डब्ल्यूएचओ से मांगी आपात इस्तेमाल की मंजूरी, अब तक 90 फीसदी दस्तावेज किए जमा
हैदराबाद की भारत बायोटेक कंपनी ने कोवाक्सिन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी लेने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) में 90 फीसदी दस्तावेज जमा कर दिया है। यह आवेदन इमरजेंसी यूज लिस्टिंग यानी तुरंत सुनवाई होने वाले मुद्दों की श्रेणी में दिया गया है।
नई दिल्ली। भारत बायोटेक ने डब्ल्यूएचओ से कोवाक्सिन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी मांगी है। इसके लिए कंपनी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) में 90 फीसदी तक दस्तावेज जमा कर दिए हैं। यह आवेदन इमरजेंसी यूज लिस्टिंग (EUL) यानी तुरंत सुनवाई होने वाले मुद्दों की श्रेणी में दिया गया है। अगर मंजूरी मिल जाती है तो कोवाक्सिन लगवाने वाले लोगों को विदेश जाने की अनुमति मिल जाएगी।
सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी कि भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) ने सरकार को सूचना दी है कि उसने कोवाक्सिन से जुड़े 90 प्रतिशत दस्तावेज पहले ही डब्ल्यूएचओ में जमा करा दिए हैं ताकि आपात इस्तेमाल की सूची (ईयूएल) में टीके को सूचीबद्ध कराया जा सके।
उन्होंने बताया कि कोवाक्सिन को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से आपात इस्तेमाल सूची में सूचीबद्ध कराने के लिए सरकार के साथ हुई चर्चा में हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक लिमिटेड ने बताया कि बाकी बचे दस्तावेजों के जून तक जमा कराए जाने की उम्मीद है।
सूत्रों ने बताया कि बीबीआईएल डब्ल्यूएचओ की आपात इस्तेमाल सूची में कोवैक्सीन के सूचीबद्ध होने को लेकर आश्वस्त है। उन्होंने बताया कि किसी भी देश ने ‘टीका पासपोर्ट’ लागू नहीं किया है और दुनिया के विभिन्न देशों की मंजूरी की अपनी व्यवस्था है, अधिकतर मामलों में यात्रा के दौरान आरटी-पीसीआर जांच में कोविड-19 नेगेटिव होने के प्रमाणपत्र की जरूत है।
11 देशों से नियामकीय मंजूरी मिल चुकी
उन्होंने बताया कि कोवाक्सिन को पहले ही 11 देशों से नियामकीय मंजूरी मिल चुकी है। सूत्रों ने बताया कि सात देशों की 11 कंपनियों ने कोवाक्सिन के उत्पादन के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण में रुचि दिखाई है। उन्होंने बताया कि अमेरिका में छोटे पैमाने पर कोवाक्सिन के तीसरे चरण के चिकित्सीय परीक्षण के लिए अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (यूएएफडीए) से वार्ता अंतिम दौर में है।
सूत्रों ने बताया कि बीबीआईएल ब्राजील और हंगरी में कोवैक्सीन की नियामकीय मंजूरी हेतु जरूरी दस्तावेजों को जमा कराने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। उन्होंने बताया कि बीबीआईएल की ईयूएल को लेकर सरकार के साथ हुई बैठक में कंपनी के प्रबंध निदेशक वी. कृष्णा मोहन और उनके सहयोगियों के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय, जैव प्रौद्योगिकी विभाग और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। सूत्रों के मुताबिक बैठक में शमिल होने वालों में विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला भी थे।
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