आहार, योग, घरेलू उपायों के साथ होम्योपैथिक औषधि है कारगर

होम्योपैथिक दवाएं बिना चिकित्सक के परामर्श के नहीं लेनी हैं

प्रत्येक मरीज के लिए अलग-अलग प्रकार का परामर्श होम्योपैथिक की विशिष्टता

गोरखपुर, 02 मई 2021। कोविड से बचाव और इलाज में आहार, योग और घरेलू उपायों के साथ होम्योपैथिक औषधियां कारगर हैं लेकिन इनका उपयोग बिना चिकित्सक के परामर्श के नहीं होना चाहिए। होम्योपैथी पद्धति की दवाएं मरीज की आयु, वजन, लक्षण जैसी शारीरिक संरचना पर भी निर्भर करती हैं । इसलिए आवश्यक नहीं है कि एक ही दवा सभी मरीजों पर कारगर हो। प्रत्येक मरीज के लिए अलग-अलग प्रकार का परामर्श होम्योपैथी पद्धति की विशिष्टता है। यह कहना है होम्योपैथिक विधा के चिकित्सा अधिकारी और रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) चरगांवा से जुड़े डॉ. पवन कुमार का।

डॉ. पवन का कहना है कि बीमारी से बचाव का प्राथमिक उपाय तो दो गज की दूरी, मॉस्क का उपयोग और हाथों की स्वच्छता ही है। इनके अलावा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना भी नितांत आवश्यक है। यह करने के लिए गुनगुने पानी, आंवला, गिलोय और च्वनप्रास का सेवन करें। सुपाच्य भोजन करें और सांसों से संबंधित प्राणायाम करें। सुबह शाम टहलें और मेडिटेशन करें। इन उपायों के अलावा होम्योपैथ भी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। होम्योपैथ की आर्सेनिक एल्बम 30 नामक दवा की पांच गोली सुबह-सुबह पांच दिनों तक लेनी है। एक बार दवा लेने के बाद एक महीने बाद फिर से पांच दिनों तक यह दवा लेनी है।

डॉ. पवन ने बताया कि कोविड के उपचार में भी होम्योपैथिक दवाएं कारगर साबित हो रही हैं लेकिन इनका इस्तेमाल खुद से नहीं करना है। होम्योपैथिक चिकित्सक का परामर्श आवश्यक है। लक्षण रहित कोरोना के मामलों में आर्सेनिक एल्बम 200, ब्रायोनिया 200 और केमफर 200 नामक दवाओं का सेवन सुबह तीन दिनों तक पांच-पांच गोली करना है। दवाओं के साथ पीने के पानी की मात्रा बढ़ानी है। कैल्शियमयुक्त आहार लेना है। कोविड के हल्के लक्षणों जैसे खांसी और बुखार वाले मामलों में आर्सेनिक एल्बम 200, यूपेटोरियम परफ 200, ब्रायोनिया केमफोर 200 और एंटिम टार्ट 200 का सेवन लक्षणों के आधार पर चिकित्सक की परामर्श के अनुसार ही करना है। भाप और नेबुलाइजेशन अवश्य करें।

उन्होंने बताया कि कोविड के हल्के लक्षणों के साथ सांस फूलने की हल्की दिक्कत होने पर एस्पीडोस्पर्मा नामक दवा 10-10 बूंद दिन में तीन बार एवं कार्बो वेज 30 नामक दवा का सेवन तीन बार चिकित्सक के परामर्श से करें। अगर बुखार कम न हो रहा हो तो जेल सिमिम क्यू, चाइना क्यू, बैपटिसिया क्यू को मिला कर 20-20 बूंद तीन बार और फीवरेक्स सिरप का 10-10 एमएल तीन बार चिकित्सक की सलाह के अनुसार लेना होता है जो बुखार में काफी मददगार है। 


दवा के साथ भाप लें

होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी डॉ. पवन का कहना है कि होम्योपैथिक दवा के साथ भाप लेना अथवा नार्मल सेलाइन में चयनित दवा से भाप व नेबुलाइजेशन करना ठीक रहता है। चिकित्सक के सुझाव के अनुसार नाक के जरिये इस्तेमाल की जाने वाली होम्योपैथिक दवाएं भी लेनी चाहिए।


इन चीजों का भोजन में करें सेवन

डॉक्टर पवन ने बताया कि दाल, पनीर, खट्टे फल, पालक, पपीता, आंवला को खाने में सेवन करने के साथ-साथ गिलोय, तुलसी, अदरक, लाऊं, पिपली का बना काढ़ा एवं हल्दी युक्त दूध का सेवन करते रहना चाहिए।

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