यूपी सरकार ने पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर किया घोषित

 यूपी: पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित किया गया, संस्थानों में कैंप लगाकर होगा वैक्सीनेशन

बता दें कि प्रदेश में एक मई से 18 वर्ष की आयु से ऊपर के सभी लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा रहा है। अब इसमें पत्रकारों को भी प्राथमिकता दी जाएगी।

लखनऊ। यूपी में कोरोना के खिलाफ जंग में पत्रकारों, जजों व सरकारी अधिकारी व कर्मचारियों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित किया गया। अब उन्हें प्राथमिकता के आधार पर कोरोना का टीका लगाया जाएगा।बताया जा रहा है कि वैक्सीनेशन के लिए टीमें खुद जाकर संस्थानों में कैंप लगाएंगी और टीकाकरण किया जाएगा। बता दें कि प्रदेश में एक मई से 18 वर्ष की आयु से ऊपर के सभी लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा रहा है। अब इसमें पत्रकारों को भी प्राथमिकता दी जाएगी।
यूपी में पहले चरण में 9 हजार से अधिक सक्रिय केस वाले जिलों लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, बरेली और मेरठ में वैक्सीनेशन किया जा रहा है। वैक्सीनेशन के लिए जिन्होंने कोविन पोर्टल या आरोग्य सेतु एप पर पंजीकरण करा लिया है, उनके लिए शुक्रवार शाम से स्लॉट ओपन कर दिया गया।
टीकाकरण प्रभारी डॉ अजय घई ने कहा था कि 45 पार वाले लोगों का टीकाकरण पहले की तरह चलता रहेगा। पहले से बनाए गए बूथ चलते रहेंगे। 18 से 44 साल वालों के लिए अलग बूथ बनाए गए हैं। अब कुल बूथों की संख्या करीब सात हजार हो गई है।
एक करोड़ 23 लाख 55 हजार 555 लोगों को लगी वैक्सीन
30 अप्रैल तक प्रदेश में कुल एक करोड़ 23 लाख 55 हजार 555 वैक्सीन के डोज दिए जा चुके हैं। इसमें एक करोड़ एक लाख 26 हजार 798 वैक्सीन की पहली डोज और 22 लाख 28 हजार 757 दूसरी डोज शामिल है।

नेगेटिव होने के 15 दिन बाद टीका
कोरोनावायरस की चपेट में आने के बाद जो लोग नेगेटिव हो गए हैं उन्हें 15 दिन टीके के लिए इंतजार करना पड़ेगा। जिनकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव है लेकिन सीटी स्कैन में कोविड के लक्षण मिले हैं। उनका भी टीकाकरण 15 दिन बाद होगा।
यूपी सरकार ने घोषणा की है कि सभी को मुफ्त कोरोना का टीका लगाया जाएगा। इसके लिए एक करोड़ डोज का ऑर्डर दोनों स्वदेशी वैक्सीन निर्माता कंपनियों को भेज दिया गया है।


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