कोरोना के नाश के लिए माता काली की आराधना शुरू

डीह बाबा और माता काली की जल और कड़ाई चढ़ाने की परंपरा काफी पुरानी

महामारी के खात्मे का प्रयास, इस लड़ाई में आस्था को भी बनाया हथियार

महिलाएं मां काली को चढ़ा रही हैं नीम की पत्ती से युक्त जल और कड़ाई 

       बहरामपुुुर में जल अर्पित करते स्थानीय महिलाएं। 

गोरखपुर। कोरोना महामारी से स्वास्थ्य विभाग वैज्ञानिक तरीके से लड़ रहा है। बावजूद इसके संक्रमण विकराल रूप धारण कर रहा है और संक्रमित प्राण त्याग रहे हैं। इसी को देखते हुए लोग लामबंद होने लगे हैं और उसने इस लड़ाई में आस्था को हथियार बनाया है। लोग अपने अपने तरीके से इस महामारी के खात्मे का प्रयास शुरू कर दिया है। ग्रामीण इलाकों से शहरों कस्बों तक में इसका असर देखने को मिल रहा है। कई मोहल्लों में महिलाएं नीम की पत्ती से युक्त जल मां काली को चढ़ा रही हैं। गुरुवार को बुद्ध विहार पार्ट सी कॉलोनी, दिग्विजय नगर, हड़हवा फाटक, हिमायुपुर दक्षिणी फाटक, एकला बाजार और बहरामपुर गांव के बाहर बड़ी संख्या में महिलाएं मां काली जल चढ़ाने पहुंच रही हैं।

मौजूद महिलाओं का कहना है कि डीह बाबा और माता काली की जल और कड़ाई चढ़ाने की परंपरा काफी पुरानी है जिसे कुछ दिनो से भूल गए थे। हमको पुरानी परंपरा को बहाल कर देवी की पूजा अर्चना करना चाहिए। इस पूजा से देवी कोरोना को नाश करेंगी और देश को इस वैश्विक महामारी से छुटकारा मिल जाएगा।

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