टीकाकरण के लिए निःशुल्क पंजीकरण के साथ सिखाएंगे कोविड व्यवहार

जिले के सौ से ज्यादा वीएलई और सहज जनसेवा केंद्र के संचालकों को मिला प्रशिक्षण

यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ और यूएनडीपी ने किया तकनीकी सहयोग

जो लोग खुद से कोविन पोर्टल पर पंजीकरण करने में असमर्थ हैं उनकी होगी मदद

गोरखपुर, 24 मई 2021। जिले के सभी सहज जन सेवा केंद्रों (सीएससी) और आयुष्मान भारत योजना से जुड़े विलेज लेवल इंटरप्रेन्योर (वीएलई) को कोविड टीकाकरण के लिए कोविन पोर्टल पर निःशुल्क पंजीकरण करने के अलावा कोविड एप्रोप्रियेट विहेवियर (कैब) भी सिखाना है। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग ने जिले के सौ से ज्यादा वीएलई और सहज जनसेवा केंद्र के संचालको को सोमवार को वर्चुअल प्रशिक्षण दिया। यह आयोजन यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ और यूएनडीपी के तकनीकी सहयोग से हुआ। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. नीरज कुमार पांडेय ने बताया कि जो लोग कोविड टीकाकरण के लिए खुद से पंजीकरण करने में असमर्थ हैं, उनकी निःशुल्क मदद यह लोग करेंगे।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासन के दिशा-निर्देश पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधाकर पांडेय की देखरेख में यह प्रशिक्षण दो अलग-अलग बैच में आयोजित हुआ। टीकाकरण सत्र स्थल पर कोविड काल में अनावश्यक भीड़ न हो, इसलिए पहले से कोविन पोर्टल पर पंजीकरण करने वालों का ही टीकाकरण किया जा रहा है। चूंकि सभी के पास इंटरनेट, मोबाइल आदि की सुविधा नहीं है इसलिए ऐसे लोगों के पंजीकरण में निःशुल्क मदद करवाना इस प्रशिक्षण का उद्देश्य है। उन्होंने बताया कि डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ. संदीप पाटिल, यूएनडीपी से राजीव रंजन, पवन कुमार सिंह, यूनिसेफ से नीरज शर्मा, नीलम यादव और मनोज कुमार श्रीवास्तव ने तकनीकी जानकारियां दीं। कार्यक्रम का संचालन जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी केएन बरनवाल ने किया।

डॉ. नीरज कुमार पांडेय ने बताया कि प्रशिक्षण में इस बात पर जोर दिया गया कि लाभार्थियों के पहचान पत्र, नाम और जन्मतिथि का विवरण सही तरीके से अंकित किया जाए। उन्हें यह अवश्य बता दिया जाए कि जो पहचान पत्र वह दर्ज करवा रहे हैं, उसे ही लेकर टीकाकरण के लिए तय सत्र पर जाना है। लाभार्थी का स्लॉट बुक हो जाने के बारे में उसे चार अंकों के गुप्त कोड के बारे में जानकारी अवश्य दे दें ताकि वह सत्र स्थल पर जाकर कोड बताने व पहचान पत्र दिखाने के बाद टीकाकरण करवा सके। प्रशिक्षणार्थियों को यह भी जानकारी दी गयी है कि पंजीकरण केंद्र पर दो गज की दूरी, मॉस्क की अनिवार्यता व हाथों की स्वच्छता के नियमों का विशेष तौर पर पालन कराएं और लोगों को इस बारे में जागरूक करें। इस बात के लिए भी प्रेरित करें कि लाभार्थी अपने परिजनों का भी टीकाकरण करवाएं।


पंजीकरण हो गया तो स्लॉट कभी भी बुक हो जाएगा

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि एक बार कोविन पोर्टल पर पंजीकरण करवाने के बाद अगर स्लॉट खाली नहीं है तो बाद में भी उसी पंजीकरण आईडी से स्लॉट बुक हो जाएगा। यह पंजीकरण कभी रद्द नहीं होता है। एक मोबाइल नंबर से चार लोगों के टीकाकरण के लिए पंजीकरण करवाया जा सकता है। इस बात की भी जानकारी दी गयी है कि आसपास के गांवों में और केंद्रों पर इस बात की सूचना सार्वजनिक की जाए कि टीकाकरण के लिए पंजीकरण की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध है। पंजीकरण कराने के बाद प्रिंट आउट की कोई आवश्यकता नहीं है। मोबाइल का मैसेज दिखा कर ही टीकाकरण हो जाएगा।

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