किसान नेता चौधरी अजित सिंह के चले जाने पर देश के शीर्ष नेताओं ने जताया शोक

चौधरी अजित सिंह के जाने से टिकैत और चरण सिंह की किसान राजनीति वाली विरासत खामोश हो गई
किसान आन्दोलन को मजबूत करने में निभाई थी बड़ी भूमिका, संयुक्त किसान मोर्चा विशेष कार्यक्रम कर किसान नेता को देगा श्रद्धांजलि...


नई दिल्ली। चौधरी अजित सिंह नहीं रहे। चौधरी अजित सिंह का निधन केवल एक राजनेता का जाना नहीं है, यह उस युग की राजनीति का पटाक्षेप भी है जहां समाज और राजनीति के सर्वोच्च शिखर पर रहने के बाद भी लोग जमीन से जुड़े रहते थे और सामान्य जन उनसे खुद को बेहद करीब महसूस कर पाते थे। उनके जाने से देश की राजनीति में चौधरी चरण सिंह चौधरी देवीलाल और चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत जैसे किसान नेताओं की उस किसान राजनीति को भी धक्का लगा है जो किसानों की हक की आवाज बनकर सत्ता के गलियारों में गूंजती रही है।
चौधरी अजित सिंह ने पिता चौधरी चरण सिंह से केवल राजनीति की विरासत ही नहीं संभाली थी, बल्कि उनकी सादगी भी उनके व्यवहार में हमेशा झलकती रही। पश्चिम उत्तर प्रदेश का हर किसान उन्हें अपने आसपास खड़ा पाता था। जब वे केंद्र सरकार में मंत्री हुआ करते थे, तब भी हर एक किसान की चौधरी अजित सिंह के पास सीधी पहुंच हुआ करती थी। भारतीय राजनीति में इस समय शायद ही कोई ऐसा नेता हो जो खुद को किसानों का नेता कह सके। चौधरी अजित सिंह इस श्रेणी के अंतिम नेता थे।

शीर्ष नेताओं ने जताया शोक
चौधरी अजित सिंह के निधन पर देश की शीर्ष राजनीतिक हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वे किसानों के हक के लिए हमेशा लड़ाई लड़ते रहे और अपनी सभी जिम्मेदारियों का सही से निर्वहन किया। राजनाथ सिंह ने कहा है कि उन्होंने हमेशा किसानों-मजदूरों की आवाज उठाई और उनके लिए हमेशा समर्पित रहे। राहुल गांधी ने कहा है कि चौधरी अजित सिंह का असमय निधन का समाचार सुनकर वे बेहद दुखी हुए हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी ने भी अजित सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि वह किसानों की आवाज थे और उनके जाने से किसान राजनीति को बहुत नुकसान हुआ है। चरण सिंह के शिष्य रहे मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अजित सिंह को अपना दोस्त बताते हुए कहा कि उनके निधन से जहां किसानों की एक आवाज शांत हो गई वहीं उन्हें निजी तौर पर भी खासी क्षति हुई है क्योंकि वह खुद को भी चरण सिंह परिवार का ही एक सदस्य मानते हैं।

किसानों की परेशानी को जीते थे अजित सिंह
चौधरी अजित सिंह की राजनीतिक यात्रा के सहभागी रहे जेडीयू नेता केसी त्यागी ने अमर उजाला से कहा कि चौधरी अजित सिंह के जाने के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उनके कद का कोई नेता नहीं बचा। वे किसानों की राजनीति नहीं करते थे, बल्कि वे किसानों की जिन्दगी और उनकी परेशानियों को जीते थे। यही कारण था कि जब वे किसानों के पक्ष में कुछ बोलते थे तो यह नहीं लगता था कि कोई राजनेता किसानों के मुद्दे पर राजनीति कर रहा है। बल्कि ऐसा लगता था कि जैसे कोई किसान खुद खड़ा होकर अपनी बात कह रहा है। इसी का परिणाम होता था कि उनकी बातें सीधे लोगों के दिल में उतर जाती थीं। आज ऐसे किसी भी अन्य नेता का सर्वथा अभाव है।

नीतीश के साथ मिलकर नई पार्टी बनाना चाहते थे चौधरी
केसी त्यागी के मुताबिक यह बात बहुत कम लोग ही जानते हैं कि चौधरी अजित सिंह और बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कभी एक साथ जनता दल में काम किया करते थे। दोनों नेता साथ मिलकर एक नई पार्टी के गठन पर भी गंभीरता के साथ विचार कर रहे थे। उनकी इसी सोच के कारण छपरौली में एक बड़ी जनसभा हुई थी। हालांकि, यह विचार तो कई कारणों से सफल नहीं हो पाया, लेकिन दोनों नेताओं के बीच हमेशा बहुत मधुर संबंध बने रहे।चरण सिंह के अनुयायी और राष्ट्रीय लोकदल के महासचिव त्रिलोक त्यागी के मुताबिक अजित सिंह के जाने से राजनीति से भले और शरीफ नेताओं की पूरी पीढ़ी का चले जाना है।त्रिलोक त्यागी ने कहा कि अजित सिंह के दिल में हमेशा किसानों के लिए खास जगह रही है और वह मौजूदा किसान आंदोलन के समर्थन में भी खुलकर खड़े थे।

अखिलेश और जयंत पूरा करेंगे अजित सिंह का सपना
समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेता राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि चौधरी अजित सिंह किसानों के मसीहा थे। उनके जाने के बाद यह जगह रिक्त हो गई है। लेकिन उन्होंने किसानों के हक के लिए जो आन्दोलन शुरू किया था, उसे अखिलेश यादव और अजित सिंह के पुत्र जयंत चौधरी साथ मिलकर पूरा करेंगे। सपा नेता ने बताया कि समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे।

अटल सरकार में होकर भी रहे धर्म निरपेक्ष
कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि चौधरी अजित सिंह कई राजनीतिक दलों के साथ रहे, लेकिन वे जहां भी रहे, उन्होंने सेकुलर सोच को हमेशा आगे बढ़ाने का काम किया। यहां तक कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के साथ काम करते हुए भी उन्होंने कभी ऐसी कोई बात नहीं की, जिससे समाज के धार्मिक ताने-बाने को कोई चोट पहुंचे। कांग्रेस नेता ने कहा कि चौधरी अजित सिंह जा असमय चले जाना देश की सेकुलर राजनीति को एक बड़ी चोट है।

किसान देंगे श्रद्धांजलि
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता अविक साहा ने कहा कि चौधरी अजित सिंह उम्र के इस पड़ाव में भी किसान आन्दोलन में बहुत सक्रिय थे। उन्होंने बागपत से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अनके इलाकों में जनसभाएं कर किसान आन्दोलन को बहुत मजबूत किया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में वर्तमान किसान आन्दोलन को मजबूती देने में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई।
अविक साहा ने कहा कि किसान आन्दोलन के किसान अपने इस बड़े नेता के चले जाने से बहुत दुखी महसूस कर रहे हैं। किसान जल्दी ही बड़ा कार्यक्रम कर अपने इस महान नेता को श्रद्धांजलि देंगे।

खानदानी शरीफ थे चौधरी
राष्ट्रीय लोकदल के जनरल सेक्रेटरी तारिक मुस्तफा ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरी देश में चौधरी परिवार बेहद सभ्य और शराफत की जिंदगी जीने वालों के तौर पर देखा जाता है। चौधरी अजित सिंह इस परंपरा को एक नई ऊंचाई तक लेकर गये थे। पार्टी का सबसे छोटा कार्यकर्ता भी उनसे खुद को बेहद करीब पाता था। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि जयंत चौधरी अपने परिवार की इस विरासत को आगे बढ़ाएंगे।











Comments