बताया जा रहा है कि यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होगी, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य केंद्रीय नेता रहेंगे।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार इस महीने 24 जून को जम्मू-कश्मीर की सभी क्षेत्रीय पार्टियों के साथ बातचीत करेगी। सरकार यह कदम केंद्रशासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराने सहित राजनीतिक प्रक्रियाओं को बढ़ावा देने की पहल के तहत उठा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ होने वाली इस बैठक में शामिल होने वाले नेताओं को कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है।
बैठक के लिए केंद्रीय गृह सचिव ने किया फोन
एक अधिकारी के हवाले से जानकारी दी गई है कि केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने आज (शनिवार को) जम्मू-कश्मीर में विभिन्न दलों के विभिन्न राजनीतिक नेताओं को फोन करके उन्हें अगले सप्ताह होने वाली पीएम मोदी की बैठक के लिए आमंत्रित किया है।
अधिकारियों ने बताया कि इस बैठक में नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के मुखिया सज्जाद लोन शामिल हो सकते हैं। बता दें कि फारूक और महबूबा जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
बताया जा रहा है कि यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होगी, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य केंद्रीय नेता रहेंगे। इस बैठक के बारे में जब माकपा नेता और पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डेक्लेरेशन के प्रवक्ता एमवाई तरिगामी से पूछा गया तो उन्होंने कहा, हमें सरकार से इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है।
हालांकि अगर ऐसा कुछ होता है तो इसका स्वागत किया जाएगा। श्रीनगर से तरिगामी ने कहा, हमने केंद्र के साथ सार्थक बातचीत के लिए अपने दरवाजे कभी बंद नहीं किए हैं। इस अलायंस में नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी भी हैं, जिसका गठन जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा हटाए जाने और उसे केंद्रशासित प्रदेश बनाए जाने के बाद किया गया था।
वहीं एक अधिकारी के हवाले से जानकारी दी गई है कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक के लिए आमंत्रित जम्मू-कश्मीर के सभी 14 राजनेताओं से कोविड-19 निगेटिव रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है।
जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अध्यक्ष बुखारी ने कहा, अगर ऐसी कोई बातचीत होती है तो मैं इसका स्वागत करता हूं। यह मार्च 2020 की हमारी स्थिति की पुष्टि करता है, जब हमने यह स्पष्ट कर दिया था कि जम्मू-कश्मीर के लिए लोकतंत्र और राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए संवाद ही एकमात्र तंत्र है।
भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई और कांग्रेस भी होंगी भागीदार
इस बातचीत में भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई और कांग्रेस को भी भागीदार बनाए जाने की उम्मीद है। बातचीत के जरिये जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक प्रक्रिया को मजबूत बनाने की कोशिश होगी।
परिसीमन आयोग सौंपेगा अपनी रिपोर्ट
अधिकारियों ने कहा कि जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक के संसद में पारित होने के तुरंत बाद जस्टिस (सेवानिवृत्त) रंजना देसाई के नेतृत्व में बना परिसीमन आयोग अपने काम में तेजी लाएगा और अपनी रिपोर्ट जल्द सौंपेगा। आयोग को फरवरी 2020 में स्थापित किया गया था और इस वर्ष मार्च में एक वर्ष का विस्तार दिया गया है।
सरकार ने खारिज कीं अफवाहें
जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सर्वदलीय बैठक से पहले कई तरह की अफवाहें भी फैल रही हैं। अफवाह है कि राज्य को विभाजित किया जा सकता है। परंतु कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों ने ऐसी अफवाहों को खारिज किया। सूत्रों का कहना है कि ऐसा कुछ भी नहीं होने जा रहा है।
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