कोरोना का कहर : 50 दिन में 12,650 करोड़ के कारोबार की चोट

यूपी में कोरोना को नियंत्रित करने के लिए व्यापारियों ने स्वेच्छा से लगभग 50 दिन बाजार बंद रखे। इससे उन्हें भारी-भरकम नुकसान हुआ।

 


लखनऊ। कोरोना की दूसरी लहर ने राजधानी के कारोबारियों को तगड़ी चोट पहुंचाई है। इस दौरान कोरोना कर्फ्यू और व्यापारियों की स्वेच्छा से लगभग 50 दिन बाजार बंद रहे। इससे लगभग 1.25 लाख छोटे-बड़े कारोबारियों को 12,650 करोड़ रुपये की चपत लगी है।


खास बात यह है कि इन 50 दिनों में वे (अप्रैल से मई तक) भी शामिल थे, जिनमें साल भर का 50 से 70 प्रतिशत कारोबार होता था। ऐसे में अब कारोबारियों का सब्र जवाब देता जा रहा है। सोमवार को राजधानी में कुछ व्यापारियों ने कर्फ्यू के बीच भी दुकानें खोलीं। कई जगह दुकानों के आधे शटर खुले रहे और कारोबार होता रहा।

सिर्फ शादियां टलने से 10,450 करोड़ का घाटा
अप्रैल से मई के बीच जो शादियां टलीं, उससे कारोबारियों को 10,450 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इसमें 4000 करोड़ सराफा, 2500 करोड़ कपड़ा, 1000-1000 करोड़ इलेक्ट्रानिक्स व बर्तन और 500 करोड़ की कार व बाइक आदि का कारोबार है।

रोजाना बिकता था 80 करोड़ का सोना
लखनऊ महानगर सराफा एसोसिएशन के चेयरमैन राजीव रस्तोगी ने बताया कि सहालग में रोजाना 80 करोड़ रुपये का सोना बिक जाता है। हालांकि, कोरोना कर्फ्यू के चलते 50 दिन से दुकानों व शोरूमों पर ताला लटका है, जिससे 4000 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ है। बुलियन कारोबारी लोकेश अग्रवाल ने कहा कि इसकी भरपाई अब सहालग में होगी। इस अवधि में रोजाना 100 किलो सोना बिकता था।

50 करोड़ के रोजाना बिक रहे थे कपड़े

उत्तर प्रदेश कपड़ा व्यापार मंडल के अध्यक्ष अशोक मोतियानी और लखनऊ व्यापार मंडल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष उत्तम कपूर ने बताया कि बाजार बंद होने से कपड़े का अनुमानित 2500 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ। इसमें 1250 करोड़ का रेडीमेड का कारोबार भी है। शादियों में बेचने के लिए स्टॉक की गईं साड़ियां, लहंगे, शेरवानी, सूट धरे के धरे रह गए।

राजधानी के 10 हजार व्यापारियों पर असर पड़ा है। उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के कोषाध्यक्ष मो. अफजल ने बताया कि सहालग में रोजाना लगभग 25 करोड़ के रेडीमेड कपड़े बिकते थे। 50 दिन दुकान बंद रही तो लगभग 1250 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ।

गोदामों में रखे रह गए इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम
उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के ट्रांसगोमती अध्यक्ष अनिरुद्ध निगम और नाका व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतपाल सिंह मीत ने बताया कि कोरोना कर्फ्यू के चलते 1000 करोड़ के इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम नहीं बिक सके। खास तौर पर शादी में दिए जाने वाले फ्रिज, वॉशिंग मशीन, एसी, एलईडी और कूलर गोदाम की ही शोभा बढ़ाते रहे। बाजार खुलने पर भी इनके उतने खरीदार नहीं होंगे, जितने होने चाहिए।

श्रृंगार के आइटम का कारोबार सन्नाटे में
लखनऊ कॉस्मेटिक व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं होलसेलर विनोद अग्रवाल ने बताया कि शादियों पर सजने-संवरने के 250 करोड़ रुपये के आइटम बिक जाते थे, लेकिन इस साल कारोबार सन्नाटे में है। गोटा, चुनरी, साड़ी लैस, पोटली, चूड़ी, बॉक्स, आर्टिफिशियल ज्वैलरी, फुटवियर, शूज आदि के व्यापारी आर्थिक तंगी में है। अब नवंबर की सहालग से उम्मीद है।

ग्राहकों से अपील, ऑनलाइन न करें खरीदारी
राजधानी के सभी व्यापार मंडल बाजार खुलने के बाद अभियान चलाकर ग्राहकों से अपील करेंगे कि वे ऑनलाइन कंपनियों से वस्तुएं खरीदने के बजाय बाजार पहुंचकर ले।
कारोबारियों का कितना नुकसान
ट्रेड -- रकम करोड़ में
सराफा -- 4000
कपड़ा -- 2500
एफएमसीजी -- 1500
इलेक्ट्रॉनिक्स -- 1000
बर्तन -- 1000

कार, बाइक -- 500
किताब, स्टेशनरी -- 600
स्पेयर पार्ट्स -- 600
भवन सामग्री -- 400
श्रृंगार आइटम व अन्य -- 250

मशीनरी -- 150
होटल -- 150
कॉस्मेटिक -- 100
कुल -- 12,650

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