निशुल्क हेल्पलाइन नंबर जारी होने से ग्रामीण भारत के लोगों को खासा टीकाकरण के लिए आवेदन करने में आसानी होगी
देश में जो लोग कोविन एप चलाना नहीं जानते हैं उनके लिए अब सरकार ने एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है, जिस पर देश में लोग कहीं भी टीकाकरण के लिए आसानी से आवेदन कर सकेंगे। लोग अब 1075 नंबर कॉल करके टीकाकरण के लिए समय ले सकेंगे।
नई दिल्ली। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर जारी किया है साथ ही अब जो लोग इंटरनेट उपयोग नहीं करते हैं इससे उन्हें काफी सहायता मिलेगी। गौरतलब है कि ग्रामीण भारत के लोगों की शिकायत थी कि उन्हें एप के कारण खासा परेशानी हो रही है।
हेल्पलाइन नंबर जारी होने के बारे में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण प्रौद्योगिकी के प्रमुख आरएस शर्मा ने बताया कि कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि प्रणाली समावेशी है, हमने 1075 कॉल सेंटर खोले हैं, जहां कोई भी कॉल और टीकाकरण के लिए आवेदन कर सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण के लिए स्लॉट बुक करने के लिए हमारे साथ भागीदारी करने वाले सभी सामान्य सेवा केंद्र काम करेंगे।
उन्होंने कहा कि तथ्य यह है कि 45 से अधिक आयु वर्ग की आधी से अधिक आबादी केंद्र पर जाकर पंजीकरण करा रही है और टीकाकरण करवा रही है, यह प्रणाली की समावेशिता का पर्याप्त प्रमाण है। समस्या 18-45 आयु वर्ग में हो रही है क्योंकि टीके की आपूर्ति कम है। यह अस्थायी समस्या है।
कोविन एप के बारे में आरएस शर्मा ने कहा कि व्यवस्था पारदर्शी है। चाहे वीवीआईपी हो या सामान्य नागरिक, हर कोई टीकाकरण के लिए रिक्तियों के एक ही डेटा को देख रहा है। यह लोगों को विश्वास दिलाता है कि सिस्टम किसी को कोई प्राथमिकता नहीं दे रहा है।
कोविन प्लेटफॉर्म को लेकर उठे विवाद के बीच सरकार की सफाई
वहीं कोविन प्लेटफॉर्म को लेकर उठे विवाद के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को इस मामले पर सफाई दी थी। मंत्रालय ने कहा कि कोविन एप को देश में टीकाकरण के प्रबंधन के लिए एक मंच के रूप में बनाया गया है। यह किसी भी व्यक्ति के संक्रमण इतिहास के बारे में कोई जानकारी एकत्र नहीं करता है। कोविन सिर्फ दो शॉट्स के बीच अंतराल से संबंधित रिकॉर्ड की जानकारी एकत्र करता है। जैसा कि इसे लेकर हमलोग समय-समय पर सूचित करते रहते हैं।
आरोप यह भी लगाया गया है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविन प्लैटफॉर्म को हैक करके कुछ खास लोगों को टीकाकरण का फायदा पहुंचाया। जिसके बाद केंद्र सरकार ने सफाई देते हुए कहा कि कोविन को हैक नहीं किया जा सकता है। सोशल मीडिया पर चल रही इस तरह की रिपोर्ट महज अफवाह है।
मंत्रालय ने आगे कहा कि कोविन डिजिटल प्लेटफॉर्म की वजह से लोगों को वैक्सीन नहीं मिल पा रहा है, यह एक झूठी अफवाह है। अब तक कुल डोज के 50 फीसदी इसी प्लेटफॉर्म के जरिए बुक किए गए हैं। मंत्रालय ने कहा कि टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण की शुरुआत के बाद से देशभर में कुल मिलाकर दो करोड़ से अधिक लोगों को पहली खुराक दी गई है। मंत्रालय ने कहा कि देश में अब तक 21.58 करोड़ से अधिक वैक्सीन की खुराक दी गई हैं।
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