गोरखपुर: विकास की नई इबारत गढ़ेगी जीडीए की टाउनशिप, ढाई दशक पहले अधिगृहीत की गई थी जमीन

 175 एकड़ में अत्याधुनिक टाउनशिप बसाएगा जीडीए। आसपास तेजी से बस रही कॉलोनियां, 175 एकड़ का इलाका अब भी पिछड़ा

गोरखपुर। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की तरफ से खोराबार में प्रस्तावित अत्याधुनिक टाउनशिप योजना, शहर से सटे इस क्षेत्र के विकास की नई इबारत गढ़ेगी। ढाई दशक पहले जीडीए ने देवरिया बाईपास और इंजीनियरिंग कॉलेज रोड, दोनों मार्ग से जुड़ने वाले इस इलाके में 175 एकड़ जमीन अधिगृहीत की थी।

समय के साथ आसपास के इलाकों में तो कई कॉलोनियां विकसित हो गईं मगर यह बड़ा इलाका पिछड़ा ही रह गया। जमीनों पर बड़ी-बड़ी घास उगी है। कहीं गड्ढा है तो कहीं कीचड़ और कूड़ा फैला है। जमीन अधिगृहीत होने के बाद भी 100 से अधिक लोगों ने पक्के और कच्चे घर बना रखे हैं जिन्हें जीडीए अवैध मानता है। वहां रह रहे लोगों से जगह खाली कराने की तैयारी भी चल रही है।

इन घरों में रहने वाले लोग, जीडीए की योजना का विरोध भी कर रहे हैं तो आसपास की कॉलोनियों में रहने वालों को योजना का बेसब्री से इंतजार है। उनका कहना है कि जीडीए की इस योजना से आसपास का भी स्वत: विकास हो जाएगा। सड़कें बन जाएंगी। शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक के क्षेत्र में बड़ा बदलाव आएगा।


25 साल की जरूरतों को देख तैयार होगी कार्ययोजना

टाउनशिप की कार्ययोजना भविष्य के 25 सालों की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार की जाएगी, जहां हर तरह की सुविधा होगी। इसके लिए जीडीए ने फर्म का चयन कर लिया है।  प्लाट के साथ ही ऊंची इमारतें और व्यावसायिक गतिविधियों के लिए भी जगह सुरक्षित की जाएगी। स्कूल, शॉपिंग मॉल के अलावा बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए मेडिसिटी बसाने की भी योजना है।


दिल्ली की कंपनी तैयार करेगी टाउनशिप की रूपरेखा  

टाउनशिप की कार्ययोजना बनाने के लिए दिल्ली की कंपनी इनसीड का चयन किया गया है। यह कंपनी जल्द ही डिमांड सर्वे शुरू करेगी और स्थलीय निरीक्षण करेगी। कार्ययोजना के आधार पर ले आउट तैयार होगा और फिर योजना लांच कर दी जाएगी। जिस कंपनी का चयन किया गया है, उसने देश से बाहर भी कई प्रोजेक्ट किए हैं। कंपनी, जीडीए के अफसरों के सामने प्रजेंटेशन भी दे चुकी है, जिससे अफसर संतुष्ट हैं।


मानबेला की तरह खोराबार से भी कब्जा हटाना आसान न होगा

मानबेला की ही तरफ खोराबार की जमीन से भी कब्जा हटाना जीडीए के लिए आसान नहीं होगा। करीब ढाई दशक पहले जीडीए ने यहां 300 से अधिक काश्तकारों से जमीन ली थी। इनमें से 150 से अधिक काश्तकारों ने अभी तक मुआवजा नहीं लिया है। इनकी रकम जीडीए ने आरडी (रेवन्यू डिपॉजिट) कर दी है। यही नहीं जमीन अधिगृहीत होने के बाद जब तक राजस्व अभिलेखों में जीडीए का नाम चढ़ता, कई काश्तकारों ने दूसरों को जमीन बैनामा कर दी।

जीडीए अभी तक वहां कब्जा नहीं ले पाया है जिससे समय के साथ कच्चे-पक्के कई निर्माण हो चुके हैं। अधिगृहण से अभी तक के बीच प्राधिकरण ने कई बार कब्जा करने की कोशिश की मगर मौके पर भारी विरोध के चलते उसे वापस लौटना पड़ा।

टाउनशिप की तैयारी शुरू हुई तो ऐसे 141 लोगों को पिछले साल नोटिस जारी किया गया। प्राधिकरण का कहना है कि सभी को विधिक तौर पर खाली कराया जाएगा। उधर, टाउनशिप बनने की सूचना के साथ ही जमीन पर रह रहे लोग भी सतर्क हो गए हैं। हाल ही में बिजली निगम ने जैसे वहां ट्रांसमिशन उपकेंद्र बनाने के लिए काम शुरू किया बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया। 


अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस टाउनशिप बदल देगी इलाके की सूरत: आशीष

जीडीए उपाध्यक्ष आशीष कुमार का कहना है कि खोराबार टाउनशिप में ईडब्लूएस, एमआईजी से लेकर एचआईजी हर वर्ग के लोगों के लिए आवास बनाए जाएंगे। बेहतर स्कूल, शॉपिंग मॉल, दुकानें, जिम, पार्किंग, सुरक्षा व्यवस्था, आधुनिक लाइटों के अलावा मेडिसिटी भी विकसित की जाएगी। बिजली की खपत कम करने के लिए सोलर सिस्टम का इस्तेमाल होगा। देवरिया बाईपास और इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय मार्ग को जोड़ने वाली सड़कों को चौड़ा करने के साथ ही उनकी मरम्मत भी कराई जाएगी।  उन्होंने कहा कि सभी तरह की आधुनिक सुविधाओं से युक्त इस टाउनशिप के वजूद में आने के बाद निश्चय ही आसपास के इलाकों की भी सूरत बदल जाएगी। उन्होंने कहा कि अधिगृहीत जमीन पर जिन्होंने कब्जा किया है उन्हें विधिक तरीके से हटाया जाएगा।

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