चार जिले को छोड़ कर अब पूरा यूपी कोरोना कर्फ्यू मुक्त

लखनऊ, मेरठ, सहारनपुर और गोरखपुर छोड़कर अब पूरा यूपी कोरोना कर्फ्यू मुक्त

यूपी में कोरोना संक्रमितों की संख्या में तेजी से घट रही है जिसके बाद प्रदेश के 71 जिलों को कोरोना कर्फ्यू मुक्त घोषित कर दिया है।

लखनऊ। यूपी में अब सिर्फ चार जिलों में ही कोरोना कर्फ्यू लागू रहेगा। बाकी प्रदेश के सभी जिलों में कोरोना संक्रमितों की संख्या 600 से कम हो गई है। अब सिर्फ लखनऊ, मेरठ, सहारनपुर और गोरखपुर में ही कोरोना कर्फ्यू लागू रहेगा। इसके साथ ही प्रदेश के 71 जिले कोरोना कर्फ्यू मुक्त हो गए हैं। यह निर्णय शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ टीम-9 की बैठक में लिया गया।

हालांकि, शनिवार व रविवार को सभी जिलों में पहले के आदेशों के अनुसार साप्ताहिक बंदी लागू रहेगी। वहीं, बीते 24 घंटों में प्रदेश में 1100 नए मामले आए हैं जबकि 2446 मरीज डिस्चार्ज होकर घर वापस गए हैं। प्रदेश में इस समय सक्रिय मामलों की संख्या 17944 है।

बता दें कि यूपी सरकार कोरोना को नियंत्रित करने के 'ट्रिपल टी' अर्थात टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की नीति पर काम कर रही है। प्रदेश में हर रोज तीन लाख से ज्यादा टेस्ट किए जा रहे हैं।

प्रदेश का ओवरऑल कोरोना पॉजिटिविटी रेट 3.3 प्रतिशत वहीं रिकवरी रेट 97.7 प्रतिशत है। प्रदेश में अब तक रिकॉर्ड पांच करोड़ से ज्यादा (पांच करोड़ 13 लाख 42 हजार पांच सौ 37 टेस्ट किए जा चुके हैं।) प्रदेश में अब तक  2 करोड़ 2 लाख 34 हज़ार 598 लोगों का टीकाकरण हो चुका है जिसमें युवाओं की संख्या 30 लाख से ज्यादा है।

वैक्सीन का अभाव नहीं, जल्द ही अन्य विकल्प भी तलाशे जाएंगे

मुख्यमंत्री योगी ने अफसरों को निर्देश दिया कि उत्तर प्रदेश की विशाल आबादी को देखते हुए हमें कोविड वैक्सीनेशन को और तेज करना होगा। जनपदवार रणनीति बनाई जाए। वैक्सीन का अभाव नहीं है। भारत सरकार के सौजन्य से कई नए वैक्सीन विकल्प भी जल्द ही उपलब्ध होंगे। जून में एक करोड़ टीकाकरण का लक्ष्य है। जुलाई में इस लक्ष्य को तीन गुना तक विस्तार दिया जाना चाहिए। इसके लिए एक लाख अतिरिक्त वैक्सीनेटर तैयार किए जाएं। नर्सिंग के विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करें, अन्य विकल्प भी तलाशें।

उन्होंने कहा कि सीएमओ, डिप्टी सीएमओ और एडिशनल सीएमओ जैसे वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों के चिकित्सकीय अनुभवों का लाभ लिया जाना चाहिए। यह सभी ओपीडी में सेवाएं देना सुनिश्चित करें। जिला अस्पताल, सीएचसी व पीएचसी में रोटेशन के साथ ओपीडी में सेवाएं दें। टेलीकन्सल्टेशन के माध्यम से लोगों को चिकित्सकीय परामर्श दें। इनका यह प्रयास अन्य चिकित्सकों के लिए प्रेरणादायी भी होगा। यह व्यवस्था तत्काल प्रभावी करा दी जाए।

यह संतोषप्रद है कि कोरोना संक्रमण से हमारे गांव सुरक्षित रहे हैं। जो गांव कोरोना मुक्त हैं, वहां मनरेगा के अंतर्गत गतिविधियां शुरू की जाएं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल संचय की महत्ता के दृष्टिगत "कैच द रेन" अभियान शुरू किया है। इसे जनअभियान के रूप में विस्तार देते हुए गांवों में इस दिशा में विशेष प्रयास किए जाए। एक्सप्रेस-वे के किनारे पौधारोपण कराया जाए।


अवैध शराब के खिलाफ जारी अभियान को और तेज किया जाए

उन्होंने निर्देश दिया कि अवैध शराब की गतिविधियों को पूरी तरह समाप्त करने के लिए नियोजित प्रयास करने की जरूरत है। हर जिले पर नजर रखी जाए। इस कार्य में संलिप्त लोगों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए। अवैध शराब के खिलाफ जारी अभियान को और तेज किया जाए। जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान खुद कमान संभाले। फील्ड में जाएं, दुकानों का औचक निरीक्षण करें। गड़बड़ी मिले तो कार्रवाई करें।


सभी मेडिकल कॉलेजों में पीआईसीयू और एनआईसीयू की स्थापना को तेजी से पूरा किया जाए। सभी मेडिकल कॉलेजों में 100-100 बेड के पीआईसीयू स्थापित किये जाने हैं। इसके साथ 50 बेड का एनआईसीयू भी हों। इसी तरह जिला अस्पताल और सीएचसी स्तर पर भी मिनी पीकू स्थापित किए जा रहे हैं। सभी जिलाधिकारीगण इन कार्यों की सतत मॉनीटरिंग करें।

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