संक्रमण का खतरा देख सरकार ने सीमा सील की, फिर भी हर की पैड़ी स्नान करने पहुंच गए हजारों लोग

रविवार को गंगा दशहरा स्नान और सोमवार को होने वाले निर्जला एकादशी स्नान को लेकर हरिद्वार में यात्रियों की नो एंट्री लागू की गई है।

ये श्रद्धा के नाम पर संक्रमण की डुबकी है:संक्रमण का खतरा देख सरकार ने सीमा सील की; फिर भी हर की पैड़ी स्नान करने पहुंच गए हजारों लोग

हरिद्वार। संक्रमण का खतरा देख सरकार ने सीमा सील की, फिर भी हर की पैड़ी स्नान करने पहुंच गए हजारों लोग रविवार को गंगा दशहरा स्नान और सोमवार को होने वाले निर्जला एकादशी स्नान को लेकर हरिद्वार में यात्रियों की नो एंट्री लागू की गई है।

कोरोना की तीसरी लहर का खतरा लगातार बना हुआ है, बावजूद इसके लोग अभी भी लापरवाही बरत रहे हैं। ऐसा ही दृश्य रविवार को हरिद्वार में देखने मिला, जहां गंगा दशहरे के मौके पर कोविड नियमों को दरकिनार कर हजारों लोग स्नान करने पहुंच गए। संक्रमण के खतरे को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने पहले ही हरिद्वार की सीमाएं सील कर दी थीं, लेकिन लोग नहीं माने और हरकी पैड़ी पहुंच गए। दरअसल, रविवार को गंगा दशहरा स्नान और सोमवार को होने वाले निर्जला एकादशी स्नान को लेकर हरिद्वार में यात्रियों की नो एंट्री लागू की गई है।


शनिवार को ही 26 हजार वाहन वापस लौटाए गए थे। फिर भी लोग नहीं माने। सुबह 5 बजे ही हरकी पैड़ी यात्रियों से पैक हो गई थी। वहीं हाथी पुल, न्यू संजय पुल, भीमगोड़ा बैरियर, कांगड़ा घाट, अस्थि प्रवाह घाट समेत अन्य जगह पुलिस ने बैरियर लगाकर यात्रियों को रोका। प्रशासन भी कोविड प्रोटोकॉल को लेकर उतना गंभीर नहीं दिखा।

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