सिंधिया की मोदी कैबिनेट में एंट्री तय, पिता माधवराव की तरह संभालेंगे रेल!

सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया जल्द ही नरेंद्र मोदी कैबिनेट का हिस्सा बन सकते हैं। सिंधिया-समर्थक नेताओं का दावा है कि केंद्रीय कैबिनेट के इसी महीने होने वाले संभावित विस्तार में उन्हें रेल या मानव संसाधन विकास जैसा अहम मंत्रालय मिल सकता है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया का मोदी कैबिनेट में शामिल होना लगभग तय

मोदी कैबिनेट में रेल या मानव संसाधन विकास मंत्री बन सकते हैं सिंधिया

15 महीने पहले कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए थे सिंधिया

भोपाल। राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को जल्द ही केंद्रीय कैबिनेट में एंट्री मिलना करीब-करीब तय है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी महीने अपने कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं जिसमें सिंधिया को भी जगह दी जाएगी। संभावना है कि उन्हें रेल या मानव संसाधन जैसा महत्वपूर्ण विभाग दिया जा सकता है।

सिंधिया-समर्थक एक वरिष्ठ नेता ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि मोदी कैबिनेट का इसी महीने विस्तार होने वाला है। इसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया को शामिल किया जाना लगभग तय है। उन्होंने दावा किया कि सिंधिया को रेल मंत्रालय मिल सकता है। एक्टिव मंत्री की उनकी छवि को देखते हुए सिंधिया को मानव संसाधन या शहरी विकास मंत्रालय भी दिया जा सकता है।

करीब 15 महीने पहले सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थामा था। उनके दलबदल से मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिर गई थी। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान नए मुख्यमंत्री बने और सिंधिया-समर्थक विधायकों को अपनी कैबिनेट में शामिल किया था। तभी से सिंधिया को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने की चर्चाएं भी चल रही हैं।

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दो साल पूरे होने के बाद केंद्रीय कैबिनेट में फेरबदल की तैयारी हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक की है। माना जा रहा है कि फेरबदल में कुछ युवा चेहरों को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। सिंधिया के साथ दो पूर्व मुख्यमंत्रियों- महाराष्ट्र के देवेंद्र फड़नवीस और असम के सर्वानंद सोनोवाल को भी मंत्रिमंडल में जगह मिलना करीब-करीब तय माना जा रहा है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया इससे पहले दो बार केंद्रीय कैबिनेट का हिस्सा रह चुके हैं। मनमोहन सिंह की कैबिनेट में उन्हें साल 2007 में पहली बार केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री बनाया गया था। 2009 में उन्हें वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में फिर से कैबिनेट में जगह मिली थी।

ज्योतिरादित्य के पिता माधवराव सिंधिया भी केंद्रीय कैबिनेट में रेल और मानव संसाधन मंत्री रहे थे। माधवराव 1986 से 1989 तक राजीव गांधी की कैबिनेट में रेल मंत्री रहे थे। 1995-96 में पी वी नरसिम्हा राव की कैबिनेट में मानव संसाधन विकास मंत्री बनाया गया था।

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