अगर आप भी अपने जीवन से परेशानियों को दूर करना चाहते हैं तो शनिवार और मंगलवार को पंचमुखी हनुमान की पूजा करना शुरू करें। बजरंगबली की महिमा अपरमपार है। प्रभु के दर्शन मात्र से हमारे सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। शनि के प्रकोप से बचने के लिए, घर के सभी अमंगल दूर करने के लिए हनुमान जी की पूजा की जाती है। अगर आप भी अपने जीवन से परेशानियों को दूर करना चाहते हैं तो मंगलवार को पंचमुखी हनुमान की पूजा करना शुरू करें।
प्रयागराज। महंत योगेंद्र त्रिपाठी बताते हैं कि बजरंगबली की महिमा आपार है। इनके दर्शन मात्र से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। शनि के प्रकोप से बचने के लिए, घर के सभी अमंगल दूर करने के लिए हनुमान जी की पूजा की जाती है। अगर आप भी अपने जीवन से परेशानियों को दूर करना चाहते हैं तो शनिवार और मंगलवार को पंचमुखी हनुमान की पूजा करना शुरू करें। हनुमानजी का यह एक दुर्लभ अवतार है, जो कहते हैं कि उन्होंने रावण के भाई अहिरावण को मारने के लिए लिया था।
वास्तुदोष निवारण के लिए उपयोगी होती है पंचमुखी हनुमान की तस्वीर
पंचमुखी हनुमान की प्रतिमा या तस्वीर बहुत शुभ मानी जाती है। वास्तु में माना जाता है कि अगर पंचमुखी हनुमान की तस्वीर या मूर्ति घर के दक्षिण-पश्चिमी कोने में रखी जाए तो इससे घर के कई वास्तुदोष अपने आप दूर होने लगते हैं। हनुमानजी के पंचमुखी अवतार में पहला मुख वानर, दूसरा गरूड़, तीसरा वराह, चौथा अश्व और पांचवां नृसिंह का मुख है। इन पांच मुखों से हनुमान अपने भक्तों के जीवन की पांच तरह से समस्याएं दूर करते हैं, हर मुख का अपना एक अलग महत्व है।
पंचमुखी हनुमान के पांच मुंह का महत्व
– प्रतिमा के पहले वानर मुख से सारे दुश्मनों पर विजय मिलती है।
– दूसरे गरुड़ मुख से सारी रुकावटों और परेशानियों का विनाश होता है।
– तीसरे उत्तर दिशा के वराह मुख से लंबी उम्र, प्रसिद्धि और शक्ति मिलती है।
– चौथे दिशा के नृसिंह मुख से डर, तनाव व मुश्किलें दूर होती हैं।
– प्रतिमा के पांचवें अश्व मुख से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
ऐसे करें पंचमुखी हनुमानजी की पूजा
1 –मंगलवार को घर में पंचमुखी हनुमान की तस्वीर या प्रतिमा लाएं या पंचमुखी हनुमान के मंदिर जाएं।
2 – हनुमानजी की पूजा करें। लाल गुलाब के फूल चढ़ाएं।
3 – सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करें।
4 – गुड़ व चने का भोग लगाएं।
5 – हनुमानजी के सामने बैठकर हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें।
6 – मंदिर के पुजारी को दान दें।
7 – हर मंगलवार इस विधि को दोहराएं।
महंत योगेंद्र नाथ त्रिपाठी, श्री हनुमंत निकेतन, सिविल लाइन, प्रयागराज।
Comments