गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्ट ने गायत्री जयंती पर किया हवन पूजन

गोरखपुर। अखिल विश्व गायत्री परिवार शान्तिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में रविवार को गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्ट द्वारा कोविड -19 का पालन करते हुए गायत्री जयंती पर हवन पूजन किया गया।

पादरी बाजार के स्थित सरस्वतीपुरम में गायत्री यज्ञ भव्य रूप में गीत संगीत से सराबोर करते हुए मनाया गया। 

वरिष्ठ परिव्राजक पँ शेषनाथ मिश्रा ने बताया कि वेदमाता गायत्री की जन्मतिथि को गायत्री जयंती के रूप में मनाया जाता है। गायत्री को हिंदू भारतीय संस्कृति की जन्मदात्री मानते है। गायत्री माँ से चारो वेदों की उत्पत्ति मानी जाती है। इसीलिए वेदों का सार भी गायत्री मंत्र को ही माना जाता है। मान्यता है कि चारो वेदों का ज्ञान लेने के बाद जिस पुण्य की प्राप्ति होती है अकेले गायत्री मंत्र को समझने एवं करने मात्र से चारो वेदों का ज्ञान मिल जाता है। 

उन्होंने बताया कि वेदों की उत्पत्ति एवं सभी वेदों की देवी होने के कारण इन्हें वेदमाता के रूप में भी जाना जाता है, गायत्री जी का वाहन हंस है, इनके एक हाथ में पुस्‍तक और दूसरे हाथ में कमण्डल है.चारों वेद, शास्त्र और श्रुतियां गायत्री देवी से ही पैदा हुए हैं, मां गायत्री को लक्ष्मीजी, पार्वतीजी, सरस्वतीजी के अवतार के रूप में मनाया जाता है। आज के ही दिन परमपूज्य गुरूदेव ने अपने स्थूल शरीर का महाप्रयाण किया था और कहा था कि सूक्ष्म शरीर से सौ गुना और कारण शरीर से हजार गुना गायत्री परिवार मिशन को निरन्तर गति देता रहूंगा। 

पँ मिश्रा ने बताया कि गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्ट द्वारा गायत्री जयंती एवं गंगा दशहरा प्रत्येक वर्ष भिन्न भिन्न क्षेत्रो में बहुत ही भव्य रूप में मनाया जाता है, साथ ही मन्त्रलेखन अभियान से जन जन को जोड़ने का क्रम अनवरत चलाया जा रहा है। 

जिन्हें मन्त्रलेखन अभियान से जुड़ना है वह मोबाईल नम्बर 9935311771, 9140315846 पर सम्पर्क कर सकते है। 

संचालन एवं व्यवस्था गायत्री परिजन राघव तिवारी ने किया। 

कार्यक्रम में रविन्द्र सिंह, मीना सिंह, राघव तिवारी, सुनील गुप्ता, कुलदीप शुक्ल, ईश्वर चंद्र गुप्ता, सुनील सिंह, जितेंद्र वर्मा, सुमित्रा गुप्ता, गीता देवी, मीरा, बालमुकुन्द प्रसाद गुप्ता, राजकुमार सिंह, सुनीता जायसवाल, देवेंद्र सिंह, मनोज पाल, सुष्मिता सिंह, खूब लाल गुप्ता, शिवकांत श्रीवास्तव, राम दर्शन शर्मा सहित अनेक लोग उपस्थित थे।

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