स्मार्ट सिटी मिशन: उत्तर प्रदेश को मिला पहला स्थान, प्रदेश के इन शहरों ने भी हासिल किया खास मुकाम

स्मार्ट सिटी मिशन, प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना और अमृत योजना के छह साल पूरे होने के मौके पर शुक्रवार को इन पुरस्कारों का ऐलान किया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने 25 जून 2015 को इन सभी योजनाओं को लॉन्च किया था।

नई दिल्ली। केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी परियोजना को लागू करने के मामले में उत्तर प्रदेश ने पहला स्थान हासिल किया है। केंद्रीय शहरी एवं आवास मंत्रालय के इंडिया स्मार्ट सिटीज प्रतियोगिता में यूपी ने बाजी मारी है। मध्य प्रदेश दूसरे और तमिलनाडु तीसरे स्थान पर रहा है। शहरों में इंदौर और सूरत को संयुक्त रूप से प्रथम स्थान मिला है। केंद्र शासित प्रदेशों में चंडीगढ़ टॉप पर रहा है। 

बता दें कि स्मार्ट सिटी मिशन, प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना और अमृत योजना के छह साल पूरे होने के मौके पर शुक्रवार को इन पुरस्कारों का ऐलान किया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने 25 जून 2015 को इन सभी योजनाओं को लॉन्च किया था।

इन पुरस्कारों के लिए राज्यों और शहरों को चुनने का आधार गवर्नेंस, सैनिटेशन, अर्थव्यवस्था, कल्चर, शहरी वातावरण, पानी और परिवहन को माना जाता है। लेकिन इस साल कोरोना प्रबंधन को भी इसमें जोड़ा गया। वहीं, शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इन पुरस्कारों का ऐलान करते हुए कहा कि हमने 2018 में इसकी शुरुआत की थी। इंडिया स्मार्ट सिटीज अवॉर्ड कॉन्टेस्ट के जरिए शहरों को यह बताने का मौका मिलता है कि उनकी ओर से व्यवस्था को सुधारने के लिए क्या नए प्रयोग किए गए हैं। इससे उन्हें पहचान मिलती है।


ऐसे शीर्ष पर पहुंचा यूपी

पूरे देश में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत फिलहाल 100 स्मार्ट सिटी पर काम किया जा रहा है। सरकार का चार हजार स्मार्ट सिटी विकसित करने का लक्ष्य है। यूपी में बनारस, कानपुर, आगरा, लखनऊ सहित 10 स्मार्ट सिटी हैं। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के मुताबिक, यूपी सभी राज्यों में पहला स्थान इसलिए प्राप्त किया, क्योंकि प्रदेश ने 10 स्मार्ट सिटी के साथ-साथ सात और स्मार्ट सिटी विकसित करने का काम कर रहा है। बाकी किसी भी राज्य ने अभी तक यह काम शुरू किया है। 

मंत्रालय ने बताया कि इन नये सात स्मार्ट सिटी नगर निगम में मेरठ, गाजियाबाद, अयोध्या, फिरोजाबाद, मथुरा, वृंदावन और शाहजहांपुर शामिल हैं। साथ ही यूपी के पहले से तय 10 स्मार्ट शहरों ने बेहतर काम किया है। साथ ही लखनऊ और गाजियाबाद ने पहली बार म्युनिसपल बॉन्ड जारी किए थे। इन वजहों से यूपी की रैंकिंग सबसे ऊपर मापी गई है।

इंदौर ने ऐसे हासिल किया मुकाम

इंदौर में 56 दुकानों की वजह से शहर में जाम लगा करता था। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत इसे 56 दिन में पूरा किया गया। पैदल चलने के लिए फुटपाथ बना और बाजार में अब छह हजार की बजाय 15 हजार लोग आने लगे जिससे रेवेन्यू बढ़ा। इंदौर ने इंटिग्रेटेड कंट्रोल सेंटर बनाया जिसका फायदा प्रॉपर्टी और वाटर कलेक्शन में मिला। कोरोना काल में सीसीटीवी से पूरे शहर पर नजर रखने और ट्रैफिक मैनेजमेंट में मिल रहा है।


सूरत ने बनाई पहचान

सूरत स्मार्ट सिटी ने तो गंदे पानी को पीने लायक बनाकर उसे बेचा और रेवेन्यू हासिल की। रेवेन्यू आने से लोगों को टैक्स में फायदा दिया जा रहा है।

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