योग का मुख्य केंद्र गोरक्षपीठ : पुष्प दन्त जैन

गोरखपुर। नागरिक सुरक्षा कोतवाली प्रखण्ड द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित "योग व महायोगी गुरु गोरक्षनाथ विषयक गोष्ठी एवं योग" प्रतियोगिता आयोजित की गई थी।
जिसमें पंकज गौड़ प्रथम, फहीमुद्दीन खां द्वितीय व कुमार आदर्श आनन्द तृतीय स्थान प्राप्त किया था। आज इन सभी को प्रमाण-पत्र प्रदान कर उ.प्र. व्यापार कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष ने सम्मानित किया। यह सम्मान उन्होंने अपने पिता स्मृतिशेष मुन्नीलाल जैन की स्मृति में दिया। ततपश्चात वार्डनों को सम्बोधित करते हुए कहा कि महायोगी गोरखनाथ हठ योग के महान योगाचार्य रहे है। हठयोग, विद्या आदिनाथ भगवान शिव से आरम्भ होकर मत्स्येन्द्रनाथ, गोरक्षनाथ एवं अन्य नवनाथ चौरासी सिद्धो को प्राप्त हुई। जो परम्परा आज भी गोरक्षनाथ मन्दिर के माध्यम से चल रही है। उन्होंने कहा कि सभी प्रकार के ज्ञान के आदि स्रोत आदिनाथ भगवान शिव ही है। हठयोग साधना एवं राजयोग साध्य है। महायोगी गोरखनाथ योग के क्रियात्मक पक्ष के मुख्य आचार्य है। पतंजलि ने केवल सिद्धान्त दिया, किन्तु गुरू गोरखनाथ ने उसे और विकसित स्वरूप देते हुए उसका क्रियात्मक पक्ष समाज के समक्ष प्रस्तुत कर योग को जन-सामान्य के लिए सुलभ बना दिया। कार्यक्रम के समापन पर आभार ज्ञापन करते हुए डिवीजनल वार्डेन कोतवाली विकास जालान ने कहाकि महायोगी गुरु गोरक्षनाथ जी की परम्परा का मुख्य केन्द्र है गोरक्षपीठ एवं यहां के पूज्य गोरक्षपीठाधीश्वर के संरक्षण में योग पर गोष्ठीया व योग शिविर आयोजित होते रहते है। इस अवसर पर सभी के प्रति मैं आभार प्रकट करता हूँ। इस दौरान डिवीजनल वार्डेन विकास जालान, डिप्टी डिवीजनल वार्डेन मुर्तज़ा आलाम, आई .सी.ओ.अनिल कुमार गोयल, कुमार आदर्श आंनद, डॉ मनोज कुमार मिश्रा, पोस्ट वार्डेन (आ.)सौरभ सिंह , डिप्टी पोस्ट वार्डेन फहीमुद्दीन खां, पंकज गौड़, प्रतीक सरकारी, आर्यन गुप्ता सहित अनेकों वार्डेन उपस्थित रहे।


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