यूपी: धर्मांतरण मामले में एटीएस ने दो मूक बधिर समेत तीन और लोगों को किया गिरफ्तार, विदेशों से होती थी फंडिंग

यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि धर्मांतरण के मामले में विदेशों से फंडिंग हो रही थी। मामले में दिल्ली व हरियाणा से तीन गिरफ्तारियां हुई हैं।

लखनऊ। यूपी एटीएस ने धर्मांतरण मामले में तीन और लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें बाल कल्याण मंत्रालय का इंटरप्रेटेटर इरफान ख्वाजा खान व अपना धर्म परिवर्तन कर चुके दो मूक बधिर राहुल भोला और मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान शामिल हैं।


सोमवार को अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने मीडिया को बताया कि मूक बधिरों की भाषा समझने और उन्हें अपनी भाषा समझाने वाला इरफान मूक बधिरों को ऐसा ज्ञान देने लगा, जिससे कुछ मूक बधिरों को अपने ही धर्म से नफरत होने लगी। इरफान खान मूक बधिरों को इस्लाम का ज्ञान देता था और दूसरे धर्मों की बुराइयां करता था। प्रशांत कुमार का दावा है कि इरफान तरह-तरह के प्रलोभन देकर इस्लाम धर्म अपनाने के लिए मूक बधिरों को तैयार करता था।

यहां कामयाब होने के बाद वह इस्लामिक दावा सेंटर जाकर उमर गौतम से मिलकर जहांगीर आलम से धर्मांतरण प्रमाण पत्र बनवाता था। गिरफ्तार किया गया राहुल भोला जो खुद मूक बधिर है, वह इरफान के साथ मिलकर मूक बधिरों को धर्मांतरण के लिए प्रेरित करता था। एटीएस का दावा है कि इरफान और राहुल ने मिलकर मन्नू यादव का धर्म परिवर्तन कराया और इन तीनों ने मिलकर आदित्य गुप्ता का धर्म परिवर्तन कराया। प्रशांत कुमार ने बताया कि मन्नू यादव ने अपने घर के पूजा स्थल पर रखी मूर्ति को तोड़ दिया था और इस्लाम धर्म के प्रति अति कट्टर हो गया। प्रशांत कुमार ने बताया कि इन तीनों को हिरासत में लेकर लंबी पूछताछ की गई। राहुल और मन्नू यादव की भाषा समझने के लिए एटीएस ने इंटरनप्रेटेटर की मदद ली।


एटीएस का दावा फिलीपींस के घोषित आतंकी बिलाल फिलिप से जुड़े हैं धर्मांतरण के तार

प्रशांत कुमार ने मीडिया को बताया कि यूपी में धर्मांतरण के तार फिलीपींस के घोषित आतंकी बिलाल फिलिप से जुड़े हैं। बिलाल दोहा, कतर में इस्लामिक आनलाइन युनिवर्सिटी चलाता है, जिसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित किया जा चुका है। बिलाल को 2014 में गिरफ्तार भी किया जा चुका है। उमर के बिलाल से भी संबंध प्रकाश में आए हैं। उन्होंने बताया कि इस्लामिक दावा सेंटर के खातों में जनवरी 2010 से 14 जून 2021 के बीच एक करोड़ 82 लाख 83 हजार 910 रुपये जमा किए गए। इसमें काफी पैसे कैश में जमा किए गए।


खाते में चेक से भी पैसे आए और खाड़ी के देशों कतर, रियाद, अबूधाबी और दुबई से लगभग 50 लाख रुपये जमा किए गए। प्रशांत कुमार ने बताया कि उमर गौतम फातिमा चैरिटेबल ट्रस्ट के नाम से संस्था बनाकर उसमें फंड मंगवाता था। इस ट्रस्ट का न तो कोई रजिस्ट्रेशन कराया गया है और न ही कभी आयकर रिटर्न दाखिल किया गया है। उसके परिवार के कई सदस्यों के खातों में भी विदेशों से पैसे आए हैं। यह फारेन करेंसी रेगुलेशन वायलेशन एक्ट 2010 का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि खाते में कैश लेन देन में हवाला कनेक्शन की भी जानकारी मिली है। प्रशांत कुमार ने बताया कि इस मामले में हम केंद्रीय एजेंसियों की भी मदद ले रहे हैं।

यूपी के 32 जिलों में की जा रही पड़ताल

प्रशांत कुमार ने बताया कि यूपी पुलिस प्रदेश के 32 जिलों में छानबीन कर रही है। इसमें 27 जिलों के पुलिस कप्तानों को पत्र लिखकर संबंधित जिले के लिए मिले इनपुट को सत्यापित कराया जा रहा है। जबकि कुछ जिलों में एटीएस खुद छानबीन कर रही है। जिन जिलों में यूपी एटीएस और पुलिस छानबीन कर रही है उसमें अलीगढ, आजमगढ़, आगरा, वाराणसी, कानपुर, बिजनौर, मेरठ, सहारनपुर, नोएडा, गाजियाबाद जैसे बड़े जिले शामिल हैं।


असम की संस्था के साथ काम कर चुका है उमर

वहीं एटीएस रिमांड पर आए उमर गौतम असम के मरकज-उल-मारिफ नाम की संस्था के साथ काम कर चुका है। यह संगठन बांग्लादेशी और और अन्य नागरिकों के लिए काम करता है। 2010 में उमर दिल्ली आ गया था और वहां उसने इस्लामिक दावा सेंटर नाम की संस्था खोल ली। असम की संस्था के खातों से भी उमर की संस्था के खातों में पैसों का लेन देन हुआ है। मरकज-उल-मारिफ नाम की संस्था के खिलाफ 2020 में दिसपुर और फेमा और फेरा में मुकदमे दर्ज किए गए हैं।


पहले हुई लंबी पूछताछ, फिर हुई गिरफ्तारी

गिरफ्तार किए गए तीनों व्यक्तियों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से हिरासत में लिया गया था। लंबी पूछताछ के बाद तीनों को गिरफ्तार किया गया। इसमें इरफान शेख महाराष्ट्र के बीड़ जिले के सरसाला थाना क्षेत्र का मूल निवासी है। राहुल भोला दिल्ली के उतम नगर स्थित शीशराम पार्क का रहने वाला है वहीं मन्नू यादव हरियाणा के गुड़गांव जिले के बापुर का रहने वाला है। तीनों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से हिरासत में लिया गया था। लंबी पूछताछ के बाद तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया। इनके पास से एटीएस ने तीन मोबाइल, तीन लैपटाप, अलग अलग बैंकों की चेकबुक व पासबुक, एटीएम कार्ड, आधार कार्ड, पैनकार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड और धर्मांतरण से संबंधित दस्तावेज बरामद किए हैं।

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