रविंद्र श्रीवास्तव " जुगानी भाई" एवं डॉक्टर भारत भूषण को रवींद्र सम्मान 2021 से सम्मानित


रवीन्द्र नाथ टैगोर जी चौमुखी प्रतिभा के धनी ही नही सूर्य की भांति प्रखर व्यक्तित्व थे : डा रुप

साहित्य एवं कला के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए श्री रविंद्र श्रीवास्तव जी" जुगानी भाई" एवं डॉक्टर भारत भूषण जी रवींद्र सम्मान 2021 से सम्मानित

गोरखपुर 10 जुलाई। "आधारशिला" द्वारा हर वर्ष की भांति गुरुदेव टैगोर की जयन्ती पर साहित्य, कला ,संगीत ,शिक्षा के क्षेत्र म़े विशिष्ठ योगदान करने वाले विभूतियों को रवीन्द्र सम्मान से सम्मानित किया जाता है ।

कोराना महामारी में लाकडाउन की वजह से भव्य सम्मान समारोह न हो सका परन्तु संस्थान के निर्णय के अनुसार साहित्य के क्षेत्र में योगदान के लिए श्री रवीन्द्र श्रीवास्तव "जुगानी भाई" एवं ललित कला के क्षेत्र में डा. भारत भूषण जी को सम्मान प्रदान किये जाने की घोषणा किया गया था।

 कोविड प्रोटोकाल का पूरी तरीके से ध्यान रखते हुए शनिवार को तुर्कमानपुर स्थित रविंद्र श्रीवास्तव 'जुगानी' के आवास पर दोनो विभूतियों को वरिष्ठ होम्योपैथ चिकित्सक एवं संस्था के अध्यक्ष डा. रुप कुमार बनर्जी ,संरक्षक चन्दर प्रकाश गर्ग एवं उप सचिव विनय कुमार शर्मा द्वारा सम्मान पत्र, अगं वस्त्र, श्रीफल, मिष्ठान्न एवम् एक एक "गीतांजलि" पुस्तक प्रदान किया गया।

इस अवसर पर डा. रुप ने कहा कि टैगोर जी का साहित्य संसार असीम और अनन्त है। रवीन्द्र नाथ चौमुखी प्रतिभा के धनी ही नहीं सूर्य की भांति प्रखर भी थे। उनके स्मरण में विभूतियों को सम्मानित करते हुए हमें कम हमारे संस्थान को अपार गर्व का अनुभव हो रहा है ।

चन्दर प्रकाश गर्ग ने कहा कि टैगोर जी साहित्य संसार सम्पूर्ण विश्व.में.पूज्यनीय है ।सभी को उनके कार्यों से प्रेरणा लेनी चाहिए।विनय कुमार शर्मा ने कहा रवीन्द्र नाथ को याद करना अपने आप में एक आनन्द का अनुभव है उनके रचित गीत एकला चलो रे प्रेरणा दायक है।

दोनो सम्मानित विभूतियो़ ने कहा रवीन्द्र सम्मान 2021 पाकर हम गर्वित हैं। टैगोर जी की प्रतिभा अनमोल है और सदैव रहेगा।

अपने कोलकाता प्रवास के दौरान आधारशिला के सचिव दीपक चक्रवर्ती "निशांत " ने दोनों विभूतियों के प्रति अपनी श्रद्धा और प्रेम अर्पित करते हुए हर्ष व्यक्त किया।

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