अपील : विश्व जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा (11 जुलाई से 31 जुलाई तक)
• चंद मिनट में होती है पुरुष नसबंदी, 99.5 फीसदी है प्रभावी
• सरकारी स्वास्थ्य केंद्र एवं हौसला साझेदारी के तहत सम्बद्ध निजी अस्पताल निःशुल्क देते हैं सुविधा
• बिना चिरा और टांका (एनएसवी) के महज एक छोट सा ऑपरेशन होता है पुरुष नसबंदी
गोरखपुर, 19 जुलाई 2021। विश्व जनसंख्या स्थिरिकरण पखवाड़े के दौरान स्वास्थ्य विभाग ने पुरुषों से अपील की है कि वह नसबंदी के स्थायी साधन का चुनाव करें और इसके प्रति कोई भी भ्रांति न पालें। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (परिवार कल्याण) डॉ. नंद कुमार का कहना है कि परिवार नियोजन के स्थायी साधन पुरुष नसबंदी का विकल्प सुरक्षित भी है और असरदार भी। चंद मिनट में होने वाली पुरुष नसबंदी की सफलता भी 99.5 फीसदी है।
डॉ. नंद कुमार ने बताया कि सरकारी स्वास्थ्य केंद्र निर्धारित सेवा दिवसों (एफडीएस) पर, जबकि हौसला साझेदारी योजना के तहत सम्बद्ध निजी अस्पताल भी पुरुष नसबंदी की सुविधा निःशुल्क दे रहे हैं। बिना चिरा और टांका (एनएसवी) के पुरुष नसबंदी महज एक छोटा सा ऑपरेशन होता है। उन्होंने बताया कि ‘‘खुशहाल परिवार, पुरुष जिम्मेदार’’ के नारे को आत्मसात करना होगा। परिवार नियोजन में पुरुष की भागीदारी इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम योगदान देगी। नसबंदी की सुविधा की जानकारी प्राप्त करने के लिए क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता की मदद ले सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जिले में 11 जुलाई से 31 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरिकरण पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इस दौरान पुरुषों को आगे कर नसबंदी के साधन का चुनाव करना चाहिए। उन्होंने बताया कि पखवाड़े के दौरान उत्तर प्रदेश टेक्निकल सपोर्ट यूनिट (यूपीटीएसयू) के डीएफपीएस और पापुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल (पीएसआई)- द चैलेंज इनीशिएटिव ऑफ हेल्दी सिटीज (टीसीआईएचसी) की टीम सपोर्ट कर रही है।
कोई बुरा असर नहीं पड़ता
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि कुछ लोगों में भ्रांति है कि पुरुष नसबंदी से यौन इच्छा एवं क्षमता पर असर पड़ता है। यह भ्रांति निराधार है। ऐसा कुछ भी नहीं है। पुरुष नसबंदी में केवल शुक्राणुवाहक नलिकाओं को बांध दिया जाता है। यौन इच्छा एवं क्षमता पहले की ही तरह बनी रहती है।
नसबंदी की योग्यता
डॉ. नंद कुमार ने बताया कि पुरुष नसबंदी के लिए चार योग्यताएं प्रमुख हैं। पुरुष विवाहित होना चाहिए, उसकी आयु 60 वर्ष या उससे कम हो और दम्पत्ति के पास कम से कम एक बच्चा हो जिसकी उम्र एक वर्ष से अधिक हो। पति या पत्नी में से किसी एक की ही नसबंदी होती है। उन्होंने यह भी बताया कि पुरुष नसबंदी कराने वाले लाभार्थियों को 2000 रुपये उनके खाते में भेजे जाते हैं। पुरुष नसबंदी के लिए प्रेरक आशा, एएनएम और आंगनबाड़ी को 300 रुपये दिये जाते हैं। पुरुष नसबंदी के लिए प्रेरित करने वाले गैर सरकारी व्यक्ति को भी 300 रुपये देने का प्रावधान है।
पुरुष नसबंदी में रखना है ध्यान
• अगर यौन संक्रमण हो या कोई अन्य गंभीर बीमारी हो तो पुरुष नसबंदी नहीं करानी चाहिए। उसके ठीक होने तक या डॉक्टर की सलाह पर ही नसबंदी करवाएं।
• अगर नसबंदी के कुछ घंटों में जननांगों में सूजन आ जाए, तीन दिन के भीतर बुखार हो जाए या घाव के आसपास दर्द, जलन, मवाद या खून आ जाए तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
• पुरुष नसबंदी होने के कम से कम तीन महीने तक कंडोम का प्रयोग करना चाहिए, जब तक शुक्राणु पूरे प्रजनन तंत्र से खत्म न हो जाएं।
• नसबंदी के तीन महीने के बाद वीर्य की जांच करानी चाहिए। जांच में शुक्राणु न पाए जाने की दशा में ही नसबंदी को सफल माना जाता है।
आंकड़ों में पुरुष नसबंदी
वित्तीय वर्ष कुल पुरुष नसबंदी
2020-21 में 51
2019-20 में 287
2018-19 में 84
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