आचार्य पंडित शरद चंद्र मिश्र ने बताया कि महा शक्ति की आराधना विश्व में आदि काल से चली आ रही है, अनेक देशों में शक्ति पूजा-आराधना विभिन्न विधियों से की जाती है। कालांतर में इस्लाम ईसाई
और यहूदी धर्मों के उदय के उपरांत इसकी धारा बन्द हो गई, लेकिन आज भी कई
देशों जैसे जैसे दक्षिण अमेरिका के देश ब्राजील, पीरु, मेक्सिको एवं पूर्वी
एशिया के देशों में वहां के मूल निवासी शक्ति की आराधना किसी न किसी रूप
में करते हैं। भारत में शक्ति की उपासना पूर्व वैदिक काल से ही प्रचलित रही
है। ऊर्जा चेतना शक्ति का ही पर्याय है।
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