कलाकारों को एक कड़ी में जोड़ना संस्कृत विभाग का मुख्य उद्देश्य : प्रभाकर जौहरी

गोरखपुर। संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा गुरुवार को दस दिवसीय लोकगीतों की कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है कि वे प्रदेश के सभी कलाकारो तक अपनी पहुँच बना सके इस उद्देश्य से इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। लोक संस्कृति को संरक्षित करने का जो अभिनव प्रयोग राकेश श्रीवास्तव द्वारा किया जा रहा है ये अत्यंत ही प्रशंसनीय है, मैं संस्कृति विभाग की ओर से इन्हें शुभकामनाएं देता हूँ ये बातें शारदा संगीतालय गोरखपुर में संस्कृति विभाग के सहयोग से लोकगीतों के ऑन लाइन कार्यशाला के वर्च्युअल उद्घाटन करते हुए बतौर मुख्य अतिथि  संस्कृति विभाग के उप निदेशक प्रभाकर जौहरी ने कही। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित श्री कमलेश पाठक, कार्यक्रम अधिकारी ने कहा कि प्रदेश सरकार कलाकारों को मंच देने के दिशा में  तमाम कार्य कर रही है इस कड़ी में यह कार्यशाला निश्चित रूप से बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगा। प्रशिक्षक राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि इस वर्कशॉप में 82 महिला/पुरुषों ने पंजीकरण कराया है आज देवी गीत, आ जाना हमारे द्वार मइया आ जाना...से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। ढोलक पर संगत मो शकील ने किया। 1 जुलाई से 10 जुलाई तक चलने वाले इस कार्यशाला में उत्तर प्रदेश, बिहार ,दिल्ली सहित थाईलैंड, साउथ अफ्रीका एवं त्रिनिदाद से कुल 85 प्रतिभागी  निःशुल्क प्रशिक्षण ले रहे है।

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