तीसरी लहर से निबटने के लिए दक्ष हो रहे चिकित्सक

 -60 चिकित्सक और स्टॉफ नर्स हो चुके हैं प्रशिक्षित

- 30 डाक्टरों और स्टाफ नर्स की होनी है ट्रेनिंग  

-लखनऊ से ट्रेंड होकर आए ट्रेनर दे रहे प्रशिक्षण 

देवरिया। कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक बताई जा रही है। चिकित्सकों का मानना है कि चार से छह सप्ताह के भीतर कोरोना की तीसरी लहर शुरू हो सकती है। इससे बचने के लिए चिकित्सकों और स्टाफ को प्रशिक्षित करने का काम शुरू हो गया है। तीन चरणों में 90 चिकित्सकों और स्टाफ को प्रशिक्षित किया जाना है। 30 चिकित्सकों और तीस स्टाफ को प्रशिक्षण दे दिया गया है। दो दिन के भीतर तीस और चिकित्सकों व स्टाफ को प्रशिक्षण दे दिया जाएगा। लखनऊ से प्रशिक्षण लेकर लौटे दो चिकित्सक बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील कुमार, डॉ. मुकेश और दो स्टाप नर्स ज्योति तिवारी, रीमा यादव शिफ्टवार 30-30 लोगों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। संक्रमण फैलने पर उन्हें इलाज के लिए अस्पतालों में तैनात किया जाएगा। 

सीएमओ डा. आलोक पाण्डेय ने बताया कि पिकू (बच्चों के लिए आईसीयू वार्ड) तैयार किए जा रहे हैं। इसके साथ ही बच्चों को तीसरी लहर में कैसे हैंडल करेंगे, इसको लेकर भी लगातार ट्रेनिंग प्रोग्राम ऑनलाइन चलाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि कोविड की तीसरी लहर बच्चों के लिए अधिक घातक हो सकती है। बच्चों के इलाज में महकमा कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगा। कोविड की तीसरी लहर में संक्रमितों को उनके तहसील क्षेत्र में इलाज व जरूरत के समय पर ऑक्सीजन की कमी आड़े नहीं आएगी। संक्रमित बच्चों के इलाज के लिए बाल रोग विशेषज्ञ को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसी सप्ताह 90 चिकित्सकों और स्टाफ नर्स का प्रशिक्षण पूरा हो जाएगा। संक्रमण से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग तैयारी को अंतिम रूप दे रहा है।


इन बातों का रखें ध्यान 

कोरोना से बचाव के लिए बार-बार हाथ धोएं, हाथ धोने के लिए, साबुन और पानी या एल्कोहल वाला हैंड रब इस्तेमाल करें,अगर कोई खांस या छींक रहा है, तो उससे उचित दूरी बनाए रखें|शारीरिक दूरी बनाना संभव न हो, तो मास्क लगाएं|आंखें, नाक या मुंह को न छुएं, खांसने या छींकने पर नाक और मुंह को कोहनी या टिश्यू पेपर से ढक लें|अगर आप ठीक नहीं महसूस कर रहे हैं, तो घर पर रहें|अगर आपको बुखार, खांसी है और सांस लेने में परेशानी हो रही है, तो डॉक्टर के पास जाएं|

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