ज्योतिषाचार्य पंडित भरत मिश्र के अनुसार इस गुप्त नवरात्र में अपने घर के पूजा कक्ष या
शक्तिपीठों पर साधना और मन्त्र जप से अनेक भौतिक ऊपलब्धियाॅ मिलती हैं। यदि
व्यक्ति बेरोजगार है तो गुप्त नवरात्र में- "ऊॅ ऐं ल्लूं नमः" मंत्र का 11
माला जप नित्य प्रति करें। इससे बेरोजगारी दूर होगी। रोजगार प्राप्ति के
शुभ अवसर प्राप्त होंगे। परीक्षा में सफलता के लिए लिए कहा गया है कि
प्रतिस्पर्धा के इस युग में, अकादमी युग में सभी सफलता की कामना करते हैं।
लेकिन सभी की चाहत पूरी नहीं होती है ऐसे में इस गुप्त नवरात्रि में
रामायण के सुंदरकांड का पाठ करें। रोजगार की प्राप्ति होगी। अन्य विविध
कष्टों के निवारण के लिए एवं सांसारिक कष्टों के निवारण के लिए इस नवरात्रि
में पांच माला- "सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन्य धन्य सुतान्वितः। मनुष्यो
मत् प्रसादेन भविष्यति न संशयः" मंत्र का 11 माला जप नित्य प्रति करें।
इससे धन-धान्य की प्राप्ति और अभावों से मुक्ति प्राप्त होगी।
सर्वविध
समुन्नति के लिए ञ्जनी देवी की मूर्ति या भगवती दुर्गा जी के चित्र के
समक्ष ऊनी या कुश के आसन पर पश्चिमाभिमुख बैठकर धूप-दीपादि से पूजाकर गुप्त
नवरात्र में- "ऊॅ नमो भगवति त्रिलोचनं त्रिपुरं देवि अञ्जनिं मे कल्याणं
कुरू-कुरू स्वाहा" मन्त्र का 21 माला या 108 माला का जप किया जाय। इससे
अतिशिघ्र समुन्नति प्रारम्भ हो जाती है। धन की प्राप्ति के लिए कमला
मन्त्र-"ऊॅ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः" मन्त्र जप की साधना
करें। गुप्त नवरात्र से प्रारम्भ करें। प्रातः काल इस मंत्र की एक माला
जप करने से धनागम बना रहता है। किसी व्यक्ति को अनुकूल बनाने के लिए- "ऊॅ
क्लीं नमः" मंत्र का जप बड़ा ही हितकर माना जाता है। खोए हुए वैभव की
प्राप्ति के लिए या राजकीय कार्य की संसद के लिए- "ऊॅ श्रीं श्रीं ऊॅ ऊॅ
श्रीं श्रीं फट् स्वाहा" मंत्र की साधना करें, इससे कार्य की संसिद्धि हो
जाती है।
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