नागरिक सुरक्षा कोतवाली प्रखण्ड द्वारा "जल ही जीवन है" विषय पर वर्चुअल संगोष्ठी


गोरखपुर। नागरिक सुरक्षा कोतवाली प्रखण्ड द्वारा जल संरक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत "जल ही जीवन है" विषय पर वर्चुअल संगोष्ठी का आयोजन किया गया।जल मनुष्य को प्रकृति द्वारा दिया गया वरदान है । जल है तो जीवन है । प्रकृति वर्षा द्वारा जल देती है । वर्चुअल गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए उपनियंत्रक सत्य प्रकाश सिंह ने कहा उन्होंने कहाकि जल संरक्षण की आवश्यकता है ताकि हमारा भविष्य सुखमय हो।जल संरक्षण के आसान उपाय अपनाकर हम वर्षा के जल बचा सकते है ।पृथ्वी पर मंडराते पेयजल संकट से बचने के लिए जरूरी है जल संरक्षण के लिए कुछ बातों को हमें ध्यान में रखना होगा । पानी पीते समय गिलास को जूठा नहीं न करें, एक व्यक्ति द्वारा जूठे गिलास को धोने में दिनभर में 20 लीटर तक पानी प्रतिदिन खर्च हो जाता है, जिसे बचाया जा सकता है। सुबह मग में पानी लेकर आधा लीटर पानी से मंजन किया जा सकता है। वहीं नल खुला रखकर मंजन करने पर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 10 लीटर पानी व्यर्थ बह जाता है।



हम बाल्टी में पानी लेकर मग से नहाते है तो 20 से 30 लीटर पानी में आराम से नहा सकते है। लेकिन फव्वारें, नल या टब में नहाने पर 50 से 100 लीटर पानी चाहिए। इस तरह एक व्यक्ति प्रतिदिन 30 से 70 लीटर पानी बचा सकता है। नल से हर क्षण टपकती पानी की बूंद से महीने में करीब 1000 लीटर पानी बर्बाद होता है। इसीक्रम में मुख्य स्टाफ अफसर महबूब सईद ने कहाकि रेनवॉटर हार्वेस्टिंग से हम वर्षा के जल को संरक्षित कर सकते हैं। उन्होंने कहाकि जल संरक्षण के कई वैज्ञानिक तरीके हैं जिनमें सबसे कारगर तरीका रेनवॉटर हार्वेस्टिंग को माना जाता है। इसका अर्थ है, वर्षा से प्राप्त छत के पानी को किसी भी तरीके से भूगर्भ में डालना। रेनवॉटर हार्वेस्टिंग के चार तरीके हो सकते हैं। पहला, वर्षा के पानी को एक गड्ढे के जरिये सीधे धरती के भूगर्भीय जल भंडार में उतार दिया जाता है। दूसरा, बड़े संस्थानों के परिसर की बाउंड्री वॉल के पास बड़ी खाइयां बनाकर उनमें वर्षा के पानी को एकत्रित करके जमीन में उतारा जाता है। तीसरा, छत के बरसाती पानी को पाइप के द्वारा कुएं में उतारा जाता है। इससे कुआं तो रिचार्ज किया जा सकता है। चौथा तरीका उपर्युक्त तीन तरीकों से यह अलग है, क्योंकि यह भूगर्भिक जल भंडार को रिचार्ज करने के बजाए छत के बरसाती पानी को सीधे किसी सीमेंट के बने पक्के टैंक में जमा किया जाता है। जल संरक्षण के सम्बंध में जानकारी देते हुए *डिवीजनल वार्डेन कोतवाली विकास जालान ने बताया कि वर्षा के जल को संचय करने के लिए मुख्य स्टाफ आफिसर महबूब सईद द्वारा प्रखण्ड के अंतर्गत इस्लामियां इंटर कालेज में टैंक निर्माण का कार्य कराया जा रहा है जो नवम्बर माह तक पूर्ण हो जाएगा ।* इसके लिए श्री सईद प्रसंशा के पात्र है । कार्यक्रम का संचालन व आभार ज्ञापन आ. सी.ओ.अनिल कुमार गोयल ने किया । इस दौरान डिवीजनल वार्डेन विकास जालान,डिप्टी डिवीजनल वार्डेन मुर्तज़ा आलाम, आई .सी.ओ.अनिल कुमार गोयल,डॉ मनोज कुमार मिश्रा,पोस्ट वार्डेन(आ.)सौरभ सिंह , पोस्ट वार्डेन राजेन्द्र कुमार,डिप्टी पोस्ट वार्डेन फहीमुद्दीन खां, सेक्टर वार्डेन प्रतीक सरकारी सहित अनेकों वार्डेन व स्वयंसेवक वर्चुअली जुड़े।

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