संचारी रोगों के प्रति लोगों को जागरुक कर रहे फ्रण्टलाइन वर्कर्स

 

- जागरुकता के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ता लगा रहे पम्पलेट और स्टीकर

- विशेष संचारी रोग नियन्त्रण अभियान के दौरान फैलाई जा रही जागरुकता

संतकबीरनगर, 5 जुलाई 2021। मच्छरों से होने वाले विभिन्न रोगों के प्रति जागरुकता के लिए विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान का शुभारंभ हो गया है। अभियान के दौरान आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गांवों में लोगों को विभिन्न संचारी रोगों के प्रति जागरुक कर रहे हैं। साथ ही उन्हें जेई / एईएस के लक्षणों से भी अवगत करा रहे हैं। गांवों में प्रभातफेरी निकालकर लोगों को जागरुक किया जा रहा है वहीं कोविड से बचने के लिए मास्क के प्रयोग करने की सलाह भी दी जा रही है। जबकि प्रचार वाहन गांवों में रुटीन के अनुसार प्रचार-प्रसार कर रहे हैं।

जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि जेई व एईएस तथा मच्छरजनित रोगों से बचने के लिए विशेष संचारी रोग नियन्त्रण अभियान चलाया जा रहा है। अभियान में आमजन की जागरुकता के लिए कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जा रहा है। अभियान में पंपलेट्स के माध्यम से रुके पानी में पैदा होने वाले एनाफिलीज मादा मच्छर के विषय मे लोंगों को बचाव व उपचार के लिये जागरूक किया जा रहा है। लोगों को यह जानकारी दी जा रही है कि बुखार में देरी कैसे भारी पड़ सकती है। बुखार होने पर लोगों को सीधे सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर जाने की सलाह दी जा रही है।  


मच्छर से बचने के लिए यह करें उपाय

 - रुके हुए पानी के स्थानो को मिटटी से भर दें, यदि सम्भव न हो तो उसमें मिट्टी का तेल य डीजल, जला हुआ मोबिल डाल दें।

 - घर में कूलर ,गमलों, छतों पर पड़े पुराने टायर, पशु पक्षियों के पीने का पात्र एवं निष्प्रयोग्य सामग्री तथा नारियल के खोल प्लास्टिक की बोतल आदि में जल एकत्रित न होने दें।

- सोते समय मच्छरदानी अथवा मच्छर भगाने की क्रीम का प्रयोंग करें। जहां तक संभव हो पूरी आस्तीन की कमीज पहनें इत्यादि से शरीर के अधिक से अधिक हिस्से को ढक कर रखे।


विभिन्न विभाग कर रहे अपनी गतिविधियां

इस विशेष अभियान के दौरान विभिन्न विभाग अपनी गतिविधियों व दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। पंचायती राज विभाग के द्वारा जहां गांवों में झाड़ियों को कटवाकर सफाई कराई जा रही है, वहीं दूसरी तरफ पशुपालन विभाग ऐसे पशुओं के रहने के स्थानों को चिन्हित कर रहा है जिन पशुओं से संक्रामक रोगों को फैलाने वाले मच्छरों के वाहक अपना विस्तार करते हैं। कृषि विभाग , चूहा और छछून्दर जैसे जानवरों की खोज और उनको समाप्त करने में लगा हुआ है।

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