महाशक्ति की आराधना से ऊर्जावान एवं सुरक्षित

काशीविद्यापीठ के आचार्य पंडित अखिलेश्वर पांडेय ने बताया कि प्राचीन काल में क्षत्रिय वीर महा शक्ति की उपासना कर वरदान प्राप्त कर युद्ध भूमि में जाते थे। महाराष्ट्र केसरी शिवाजी महाराज तुलजा भवानी के भक्त थे। गुरु गोविंद सिंह और महाराणा प्रताप जैसे वीर योद्धा देवी की आराधना करते थे। हिमालय से लेकर कन्याकुमारी और गुजरात के कच्छ से लेकर कामाख्या तक देवी के अनेक मन्दिर और शक्तिपीठ स्थित है। इनमे 51 शक्ति पीठों की व महत्ता का विशेष वर्णन किया गया है।
श्वेताश्वर उपनिषद में-"परास्य शक्तिर्विवैधैश्च श्रुयते"-के अनुसार ब्रह्म की अनेक शक्तियाॅ मानी गई है। देवी भागवत के अनुसार मां दुर्गा की अवतरण का उद्देश्य, श्रेष्ठ व्यक्तियों की रक्षा करना, वेदों को सुरक्षित रखना और दुष्टों का संहार करना है।

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