आचार्य गुरु पंडित राम कैलाश चौबे,
सनातन धर्म में नागपंचमी पर्व का विशेष महत्व है। नागपंचमी का दिन भगवान शिव का दिन माना जाता है। इस दिन नाग देवता की विधि-विधान से पूजा की जाती है। नाग देवता भगवान शिव के गले की शोभा बढ़ाते हैं। ऐसे में सावन के महीने में पड़ने वाली नाग पंचमी पर लोग नागों की विधिवत पूजा करके उन्हें दूध पिलाते हैं। सावन का पूरा महीना भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित होता है। इस महीने में पड़ने वाले प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव की पूजा की जाती है।
सावन का महीना कब है?
हिन्दू पंचांग के अनुसार इस बार सावन का महीना 25 जुलाई दिन रविवार से शुरू होगा और 22 अगस्त तक रहेगा. भगवान शिव को समर्पित इस महीने में उनकी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
नाग पंचमी कब है?
वैसे तो सावन का पूरा महीना भगवान शिव का माना जाता है। श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन नाग देव के साथ भगवान शिव की पूजा और रूद्राभिषेक करना शुभ माना गया है। कहते हैं की नाग देवता की पूजा करने से कालसर्प दोष दूर होता है।
नाग पंचमी का शुभ मुहूर्त
नाग पंचमी पर्व : 13 अगस्त 2021
पंचमी तिथि आरंभ: 12 अगस्त, 2021 को दोपहर 03 बजकर 24 मिनट से।
पंचमी तिथि खत्म : 13 अगस्त, 2021 को दोपहर 01 बजकर 42 मिनट तक।
नाग पंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त: 13 अगस्त 2021 को सुबह 05 बजकर 49 मिनट से सुबह 08 बजकर 28 मिनट तक।
मुहूर्त का समय : 02 घण्टे 39 मिनट
हिंदू धर्म में नाग पंचमी पर्व को विशेष माना गया है। इस दिन नाग देवता की विधिवत पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि में बढ़ोतरी होती है। लोगों को भय से मुक्ति मिलती है। माना जाता है कि नागपंचमी के दिन ही भगवान श्रीकृष्ण ने कालिया नाग के अहंकार तोड़ा था। इस दिन नाग देवता को दूध से स्नान करने की परंपरा है। ऐसा करने से कालसर्प दोष का असर कम होता है और मनुष्य को सुख शांति से मिलती है।
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