प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस :
जिले की 43 चिकित्सा इकाइयों पर हुआ आयोजन
प्रसव पूर्व जांच के साथ-साथ आरसीएच नंबर भी दिया गया
गोरखपुर, 09 अगस्त 2021। जिले की 43 चिकित्सा इकाइयों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) दिवस का आयोजन कोविड प्रोटोकॉल के साथ सोमवार को किया गया । आयोजन में गर्भवती को निःशुल्क प्रसव पूर्व जांच की सुविधा देने के साथ-साथ उन गर्भवती को रिप्रोडक्टिव चाइल्ड हेल्थ (आरसीएच) नंबर भी दिया गया जिनके पास यह नंबर उपलब्ध नहीं थे। इस बार आयोजन का खास जोर गर्भवती को कोविड टीकाकरण के लिए प्रेरित करने पर था । कुछ गर्भवती ने मौके पर ही कोविड का टीका भी लगवाया ।
खोराबार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) पर हुए आयोजन का निरीक्षण करने स्थानीय ब्लॉक प्रमुख शिव प्रसाद जायसवाल भी पहुंचे । स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी श्वेता पांडेय ने बताया कि केंद्र पर कोई ऐसा लाभार्थी नहीं आया जिसके पास पहले से आरसीएच नंबर या बैंक खाता न हो । जो भी गर्भवती केंद्र पर आईं उन्हें जांच की सुविधा के साथ-साथ कोविड टीकाकरण के लिए प्रेरित किया गया ।
खोराबार चौराहे की रहने वाली सात माह की गर्भवती रूबी (22) पहली बार इस आयोजन में पहुंचीं। उन्होंने बताया कि वह स्वास्थ्य जांच के लिए गयी थीं और केंद्र पर ही उन्हें पता चला कि यह आयोजन हो रहा है । उनकी समस्त जांच निःशुल्क हुई और उन्हें कोविड टीकाकरण का महत्व बताया गया । उन्हें जब पता चला कि गर्भवती कोविड का टीका लगवा सकती हैं तो उन्होंने आयोजन के दौरान ही कोविड का टीका लगवाया और उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई । वह सेवाओं से संतुष्ट हैं।
इसी केंद्र पर खोराबार गांव से पहुंची आठ माह की गर्भवती राधिका (18) ने बताया कि उन्हें जांच के अलावा कोविड का टीका लगवाने के लिए प्रेरित किया गया है। वह परिवार से परामर्श करके टीका अवश्य लगवाएंगी । उन्हें बताया गया कि अब गर्भवती भी कोविड का टीका लगवा सकती हैं । वह पहली बार गर्भवती हुई हैं और उन्हें केंद्र पर जो भी सुविधा मिली है उससे संतुष्ट हैं ।
चिन्हित की गयीं उच्च जोखिम वाली गर्भवती
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज आनंद ने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधाकर पांडेय के दिशा-निर्देशों के अनुसार पीएमएसएमए दिवस पर गर्भवती की संपूर्ण जांच के साथ-साथ उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था (एचआरपी) को पहले ही चिन्हित कर परामर्श दिया गया है । उन्हें बताया गया है कि उनका प्रसव उच्च चिकित्सा इकाई पर ही होगा। जब पहले से महिला के एचआरपी होने के बारे में पता चल जाता है तो उनका नियमित फॉलो अप होता है और संस्थागत प्रसव के दौरान किसी निम्न स्वास्थ्य इकाई पर ले जाने में नष्ट होने वाला समय बच जाता है।
उन्होंने बताया कि जिन महिलाओं में तेज बुखार, दौरे पड़ने, उच्च रक्तचाप, योनि से स्राव, त्वचा के पीलापन, हाथ-पैरों में सूजन, योनि से रक्तस्राव, तेज सिरदर्द, धुंधला दिखने, भ्रूण के न हिलने या कम हिलने जैसी समस्याएं होती हैं उन्हें एचआरपी के तौर पर चिन्हित कर लिया जाता है। ऐसी महिलाओं का समय-समय पर फॉलो अप होने से शरीर में खून का स्तर, अन्य जटिलताएं आदि पर नजर होती है और समुचित इलाज मिलता है ताकि मां सुरक्षित बन सके।
खाता अवश्य खुलवा लें
मातृ परामर्शदाता सूर्य प्रकाश ने बताया कि जिन गर्भवती के पास अपना बैंक खाता होता है उन्हें किसी भी सरकारी स्वास्थ्य इकाई पर संस्थागत प्रसव कराने पर जननी सुरक्षा योजना के तहत प्रोत्साहन राशि दी जाती है । इस बार के आयोजन में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नंद कुमार के दिशा-निर्देशन में बैंक खाता खोलने के भी स्टॉल लगाये गये थे । अगर फिर भी किसी का खाता नहीं खुल पाया है तो वह बैंक से खाता अवश्य खुलवा ले । आरसीएच नंबर और बैंक खाता होने पर जननी सुरक्षा योजना के तहत लाभार्थी प्रसूता को शहरी क्षेत्र में 1000 रुपये और ग्रामीण क्षेत्र में 1400 रुपये प्रसव के 48 घंटे के भीतर देने का प्रावधान है।
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