शहीदों के खूं का असर देख लेना, मिटायेंगे जालिम का घर देख लेना...


कार्यशाला में 4 वर्षीय चुलबुल से लेकर 85 वर्ष की उमा त्रिगुनायक कर रहे वीरों की शौर्य गाथा का वर्णन



गोरखपुर। देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के पावन अवसर पर "आजादी के अमृत महोत्सव" कार्यक्रम के तहत जहाँ समूचे देश में सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन हो रहा है वहीं गोरखपुर में संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश  द्वारा संगीत नाटक एकेडमी के तत्वावधान में लोकगायक  राकेश श्रीवास्तव  के कुशल निर्देशन में देशभक्ति गीतों की कार्यशाला 1 अगस्त से 8 अगस्त तक सुचारु रूप से चल रहा है। कार्यशाला में अमृत महोत्सव की सिद्धि एवं भारतीय स्वाधीनता की गौरवशाली इतिहास के वीरों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए उनकी शौर्य गाथा का वर्णन देशभक्ति गीतों के माध्यम से किया जा रहा है।  इस कार्यशाला में जहां गौरी बाजार देवरिया से 4 वर्षीय चुलबुल प्रजापति और संतकबीरनगर से 5 वर्षीय सिन्हा, 9 वर्षीय अनमोल प्रजापति हिस्सा ले रहे हैं वहीं लखनऊ से 85 वर्ष की उमा त्रिगुनायक, 75 वर्षीय अलका भटनागर, एवं 65 वर्षीय अम्बुज अग्रवाल प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। गाजियाबाद से लेकर जमशेदपुर (झारखंड) तक के कुल 55 लोग प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।

संगीत के अनेकों ऑन लाइन कार्यशाला को आयोजित कर चुके वरिष्ठ लोकगायक राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि प्रत्येक दिन एक देश भक्ति गीतों को सिखाता हूं जिसमें पारम्परिक भोजपुरी/हिंदी देशगीत के साथ ब्रिटिश सरकार द्वारा जप्तशुदा गीतों का प्रशिक्षण भी हमने दिया है जिसमे प्रमुख है " हिंद के जवानों कुछ भी तो कर दिखाओ अब भी तजो गुलामी,सबको यही सिखावो....एवं शहीदों के खूं का असर देख लेना, मिटायेंगे जालिम का घर देख लेना...प्रमुख है। 8 अगस्त को कार्यशाला के समापन पर मुख्य अतिथि के रूप में संगीत नाटक एकेडमी के अध्यक्ष *पदम श्री डॉ राजेश्वर आचार्य* एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ मनोज गौतम उपनिदेशक बौद्ध संग्रहालय उपस्थित रहेंगे।

Comments