कार्यशाला में बोले- पद्मश्री डॉ. राजेश्वर आचार्य, कहा : गुर सीखने की कोई उम्र नही होती

 


लोकगायक राकेश श्रीवास्तव के कुशल निर्देशन में संगीत नाटक अकादमी द्वारा अमृत आजादी का महोत्सव के अंतर्गत देशभक्ति गीतों के कार्यशाला का समापन 



गोरखपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ की पावन अवसर पर "आजादी के अमृत महोत्सव" कार्यक्रम के तहत समूचे देश में सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन हो रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज के सानिध्य में संस्कृति विभाग,उत्तर प्रदेश भी माननीय प्रधानमंत्री जी के इस अद्वितीय परियोजना-उत्सव को संपन्न करने के लिए कटिबद्ध है। इस कटिबद्धता के तहत संस्कृति विभाग,उत्तर प्रदेश, संगीत नाटक अकादमी के तत्वावधान में लोकगायक राकेश श्रीवास्तव के कुशल निर्देशन में देशभक्ति/ज़ब्त शुदा गीतों का कार्यशाला दिनांक 1 अगस्त से 8 अगस्त तक हो रहा था। आज दिनांक 8 अगस्त को कार्यशाला के समापन समारोह के साथ अमृत महोत्सव की सिद्धि एवं भारतीय स्वाधीनता की गौरवशाली इतिहास के वीरों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित हुआ।समापन कार्यक्रम का शुभारंभ भारतीय संस्कृति का अनुपालन करते हुए प्रतिभागी कलाकार निर्देश प्रजापति ने गुरु वंदन और गायत्री मंत्र के साथ किया,साथ ही कार्यक्रम के निर्देशक  राकेश श्रीवास्तव द्वारा  वीणा पाण्डे द्वारा रचित सिखाए गए  देशभक्ति गीत"हमें तो इस तिरंगे में शहीदों तुम नज़र आए,नमन शत बार है तुमको तुम्हीं बस तुम नज़र आए" भी प्रस्तुत किया। 

कार्यक्रम में उपस्थित संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष राजेश्वरा आचार्य  ने मुख्य अतिथि उद्बोधन देते हुए देश पर कुर्बान हुए बलिदानियों का वंदन करते हुए भारतीय संस्कृति की अक्षुण्णता एवं गौरवशाली विरासत पर गर्व करते हुए प्रतिभागी कलाकारों को कार्यशाला के लिए शुभकामनाएं दी।साथ ही अमृत और स्वतंत्रता शब्द की अवधारणा और परस्परता का भी सारगर्भित संदर्भ समझाया।  डॉ आचार्य ने कहा कि इस कार्यशाला का मुख्य आकर्षण ये है कि 4 वर्ष से 85 वर्ष के प्रतिभागी भाग ले रहे है, संगीत सीखने की कोई उम्र नही होती। कार्यक्रम में उपस्थित विशिष्ट अतिथि डॉ मनोज गौतम जी ने, कार्यशाला के कुशल निर्देशन के लिए श्री राकेश श्रीवास्तव जी को बधाई दी और आगे भी ऐसे कार्यशालाओं के आयोजन के लिए शुभकामनाएं दी। तदुपरांत बतौर कार्यशाला निदेशक  राकेश श्रीवास्तव ने समापन समारोह के मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि के प्रति आभार प्रकट किया। 

कार्यक्रम में गोरखपुर से सिनहाना,आंचल आनंद,सीमा,सलोनी, नवीन, सुमित, अंशुमान मुसाफिर, नर्बदा और भारती श्रीवास्तव, देवरिया से अंजना तिवारी, निर्देश प्रजापति, चुलबुल प्रजापति, कुशीनगर से अनन्या प्रजापति, अनमोल प्रजापति, अनामिका गुप्ता, लखनऊ से प्रीति लाल,सुमन आर्या, अपर्णा,रीता,अलका भटनागर,सीनू भटनागर, झारखंड से वीणा पांडेय आदि ने अष्टदिवसीय कार्यशाला में श्री राकेश श्रीवास्तव  द्वारा सिखाए गए गीतों का सुंदर गायन प्रस्तुत कर आजादी के अमृत महोत्सव महापर्व में अपना योगदान दिया। कार्यशाला के निर्देशक श्री राकेश श्रीवास्तव  ने "सुंदर सुभूमि भैया,भारत के देशवा से। मोहे प्राण बसे हिंद देश रे बटोहिया।।","हिंद के सपूतों कुछ भी तो कर दिखाओ","झूल गईलें झूलनवा ना", "चल सखी चल,पंद्रह अगस्त शुभ दिन हम मनाई","शहीदों के ख़ूं का असर देख लेना" आदि देशभक्ति गीतों से कार्यशाला का अनुष्ठान सुचारु रूप से चलाया।इस कार्यशाला में जहां गौरी बाजार देवरिया से 4 वर्षीय चुलबुल प्रजापति और संतकबीरनगर से 5 वर्षीय सिन्हाना,9वर्षीय अनमोल प्रजापति हिस्सा ले रहे हैं वहीं लखनऊ से 85 वर्ष की उमा त्रिगुनायक , 75 वर्षीय अलका भटनागर, एवं 65 वर्षीय अम्बुज अग्रवाल आकर्षण का केंद्र रहे। इस कार्यशाला में देवरिया,गोरखपुर,लखनऊ,दिल्ली,झारखंड आदि जगहों से प्रतिभागी जुड़े हुए थे।

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