सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद संभाली कल्याण सिंह की अंतिम यात्रा की कमान

 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वह कर दिखाया जो शायद ही अब तक किसी मुख्यमंत्रियों ने किया हो। कल्याण सिंह की अंतिम यात्रा की कमान उन्होंने स्वयं संभाली। हर पल हर छड़ वह उस मौके पर मौजूद रहे जहां जरूरी हुआ। उनकी देखरेख में ही अंतिम यात्रा की रूप-रेखा तय की गई। उन्होंने हर उस पल को यादगार बनाने का काम किया जिससे कल्याण सिंह की अंतिम यात्रा को लोग याद कर सके। मुख्यमंत्री की यह कार्यशैली देखकर हर कोई उनका मुरीद हो गया।

कल्याण सिंह जब बीमार पड़े तो उन्हें पीजीआई देखने जाना हो या फिर उनके बेहतर इलाज का इंतजाम करना हो...। योगी आदित्यनाथ ने हर संभव प्रयास किया जिससे उनके इलाज में कोई कमी न रह जाए। पीजीआई जाना हो या फिर उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेना हो वह पूरी ईमानदारी से डटे रहे। शनिवार की रात जैसे ही यह खबर आई की कल्याण सिंह की हालत नाजुक है मुख्यमंत्री तुरंत पीजीआई पहुंचे और उनका हालचाल लेकर डॉक्टरों को जरूरी निर्देश दिया। मुख्यमंत्री को फिर जैसे ही कल्याण सिंह के निधन की सूचना मिली वह फिर रात में पीजीआई पहुंचे और उनके शव को घर तक पहुंचवाने में तक डटे रहे।

मुख्यमंत्री ने रात में ही कैबिनेट की बैठक कर शोक प्रस्ताव पास करते हुए तीन दिन का शोक घोषित किया। इतना ही नहीं कल्याण सिंह के परिजनों से लगातार संपर्क में बने रहे। सुबह होते ही कल्याण सिंह के माल एवेन्यू स्थित घर पर पहुंचना हो फिर प्रधानमंत्री की अगुवानी के लिए एयरपोर्ट पर जाना...। वह मुस्तैदी के साथ जुटे रहे। विधानभवन से लेकर भाजपा कार्यालय और अलीगढ़ तक कल्याण सिंह की शव पहुंचाने तक वह टस से मस तक नहीं हुए। मुख्यमंत्री की यह कार्यशैली देखकर हर कोई कायल हो गया। शोक यात्रा में मुख्यमंत्री की यह बात हर किसी को भा गई। मुख्यमंत्री ने अंतिम यात्रा के लिए गन्ना मंत्री सुरेश राणा और कल्याण सिंह के पैतृक गांव अतरौली में परिवहन मंत्री अशोक कटारिया की ड्यूटी लगाई।

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