नहीं रहे राम मंदिर आंदोलन के पुरौधा पूर्व सीएम कल्याण सिंह, इनके निधन से सीएम योगी का गोरखपुर का दौरा रद्द

गोरखपुर। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का शनिवार की शाम निधन हो गया। वह कई दिनों से बीमार चल रहे थे। कल्याण सिंह की सेहत को देखते हुए सबसे पहले उन्हें लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। चार जुलाई को उनकी हालत फिर से बिगड़ती तो यहां से उन्हें पीजीआई में शिफ्ट किया गया, जहां शनिवार की शाम उन्होंने अंतिम सांस ली। बता दें पीजीआई में शिफ्ट होने के बाद दिन पर दिन उनका स्वास्थ्य बिगड़ता जा रहा था। डॉक्टर लगातार उनकी देखभाल में लगे थे। इस बीच सीएम योगी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई नेताओं ने समय-समय पर पीजीआई जाकर उनका हालचाल लिया था। कल्याण सिंह के निधन की खबर मिलते ही भाजपा समेत तमात राजनीतिक दलों में शोक की लहर दौड़ गई है। 

पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की आज हालत नाजुक होने से सीएम योगी का गोरखपुर का दौरा रद्द करके पीजीआई पहुंचे थे

पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की हालत नाजुक बनी हुई थी। शनिवार को उनकी हालत फिर से बिगड़ गई। उनका डायलिसिस किया जा रहा था। डॉक्टर ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने की कोशिश में जुटे हैं। कल्याण सिंह की बिगड़ी सेहत की खबर पाकर सीएम योगी गोरखपुर का दौरा रद्द करके पीजीआई पहुंचे। 24 घंटे के भीतर यह दूसरी बार था जब सीएम योगी पूर्व सीएम का हालचाल जानने पहुंचे थे। सूत्रों के मुताबिक उनकी किडनी में फिर से इन्फेक्शन बढ़ गया है। आपको बता दें कि इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को पीजीआई में भर्ती पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यपाल कल्याण सिंह को देखने पहुंचे थे। सीएम ने पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमन और परिजनों से कल्याण के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी हासिल की थी। क्रिटिकल केयर मेडिसिन (सीसीएम) के आईसीयू में भर्ती कल्याण सिंह वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं। उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही है। 

चार जुलाई को पीजीआई में शिफ्ट किए गए थे पूर्व सीएम कल्याण सिंह 

कल्याण सिंह को 4 जुलाई को नाजुक अवस्था में पीजीआई शिफ्ट किया गया था। क्रिटिकल केयर मेडिसिन के आईसीयू में उपचार होने के करीब चार दिन बाद कल्याण की तबीयत में काफी सुधार हुआ। वह लोगों से बातचीत करने के साथ उनका जवाब भी दे रहे थे। 17 जुलाई को सांस लेने में तकलीफ बढ़ने पर ऑक्सीजन सपोर्ट दिया गया। अगले दिन फेफड़ों को जरूरत के अनुसार ऑक्सीजन न मिलने पर 18 जुलाई को गले में नली (नॉन इनवेसिव वेंटिलेशन) डाली गई। ज्यादा दिक्कत बढ़ने पर 21 जुलाई को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। दो दिन से गुर्दे की काम करने की गति धीमी होने पर डॉक्टरों ने डायलिसिस शुरू कर दी है। इसके अलावा अन्य अंगों पर भी दबाव पड़ रहा है। पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमन बताते हैं कि कल्याण के उपचार में दिल, गुर्दा, डायबिटीज, न्यूरो, यूरो, गैस्ट्रो व क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग समेत 12 विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम लगातार निगरानी में लगी हुई है।

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