बाढ़ का कहर: गोरखपुर-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर चढ़ा बाढ़ का पानी

गोरखपुर-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर आमी नदी का पानी गया है। इस वजह से यातायात संचालन को प्रशासन ने कराया पूरी तरह से बंद कर दिया है। जानकारी के अनुसार, गोरखपुर-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर नकबैठा पुल के पास लगभग एक फीट से ज्यादा पानी आ गया है, वहीं कसिहार से लेकर बगहावीर बाबा के स्थान तक कई जगह रोड पर पानी आने की सूचना है। फिलहाल प्रशास ने नाका लगाकर राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों के आवागमन को रोक दिया है। वहीं कौड़ीराम चौराहे पर बैरिकेडिंग करके छोटे- बड़े वाहनों को गोरखपुर जाने से पूर्ण रूप से रोका जा रहा है।

आमी नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण बासगांव- खजनी मार्ग पर भी बाढ़ का पानी चढ़ गया है। जिसके चलते यहां से बड़ी वाहनों का आवागमन रोक दिया गया है। यदि जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो पूरी तरह से वाहनों का आवागमन बंद किया जा सकता है। ऐसे में  गोरखपुर के लिए दूसरे रास्ते का विकल्प भी समाप्त हो जाएगा।

ब्रह्मपुर विकास खंड के ग्राम सभा राजधानी के आम घाट के पास शुक्रवार को सुबह 5:00 बजे फरेन नाले का पानी ओवर फ्लो होकर बहने लगा। देखते ही देखते पानी अपना रौद्र रूप ले लिया और बांध को तोड़कर आसपास के दर्जनों गांवो को डुबो दिया। इस बांध के टूटने से राजधानी का घटुली घाट, बिरजू टोला, बलूंघट्टा, नकहा टोला, सोनबरसा के साथ- साथ जयरामकोल सिल्हटा, सधना,बडहरा पुरनहिया सहित दर्जनों गांव बाढ़ चपेट मे आ गए हैं। इन गांवो में रहने वाले लोगों के घर डूब रहे हैं। राहत एवं बचाव के लिए एनडीआरएफ 20 सदस्यों की टीम गांव में पहुंच चुकी है। टीम कमांडर मनीष कुमार चौबे ने बताया कि हमारी टीम के साथ मेडिकल टीम गोताखोर एवं गांव के लोगों को निकालने के लिए नाव, मोटर बोट, लाइफ जैकेट की व्यवस्था की गई है। टीम लोगों को घरों से बाहर निकालने में सहयोग करेंगे।

बांध टूटने की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे अपर जिलाधिकारी गोरखपुर राजेश कुमार सिंह ने लोगों को एक दूसरे का सहयोग करने की अपील की। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि बुजुर्गों व महिलाओं और बच्चों को जल्द से जल्द किसी ऊंचे स्थान पर पहुंचाया जाए। बीमार एवं गर्भवती महिलाओं का विशेष रूप से ध्यान दिया जाए। बाढ़ में प्रभावित लोगों को किसी प्रकार की असुविधा ना हो इसके लिए जगह- जगह बाढ़ राहत शिविर बनाया जांए और लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध किया जाए। नायब तहसीलदार अलका सिंह एवं लेखपाल नीतीश गुप्ता ने लोगों से अपील किया है कि इस आपदा की घड़ी में सभी लोग मिल-जुल कर एक दूसरे का सहयोग करें।

भागने बंधे पर रिसाव से बरही-गोबाडौर मार्ग बंद

नदियों का जलस्तर बढ़ने से फारेन नाला भी उफान पर है। जंगल रसूलपुर नंबर दो के नेकावर टोला दुबौली, हरपुर, लक्ष्मीपुर, रामघाट, बलुघाट्टा, नरेंद्रपर में फारेन नाले के पानी भर चुका है। लोग मवेशियों के साथ सुरक्षित स्थान पर पलायन कर रहे हैं। वहीं राप्ती नदी का पानी झंगहा क्षेत्र के सहगौरा भरकछा डुमरैला गांव में भर गया है। बरही-गोबाडौर मार्ग पर भागने बांध में कई जगह रिसाव के कारण मार्ग को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। बरही बांध में भी तीन जगह रिसाव शुरू हो गया है। जिससे लोग गांवों को खाली करके सुरक्षित स्थान पर जा रहे है।

जिले के खानीपुर से छताई तक भयंकर जाम लगा हुआ है। वहीं छताई-मंझरिया गोरखपुर रोड के एक लेन पर आमी नदी का पानी आ गया है। यह पानी लगभग 30 मीटर तक है। बचाव के लिए बोरियों के ठोकर रखे जा रहे हैं।

रकहट से सटे राप्ती बांध पर काफी तेजी से रिसाव हो रहा है। जिसे सिचाई विभाग जेसीबी व ग्रामीणों के सहयोग से रिसाव रोकने का प्रयास कर रहे हैं।

सहजनवां तहसीलदार बृजमोहन शुक्ला ने शुक्रवार को पिपरौली ब्लॉक में आमी नदी के अडीलापार कोल्हुई में बने बांध पर ओवरफ्लो कर रही आमी नदी का जायजा लिया तथा बचाव हेतु मिट्टी भरी बोरी लगाकर बचाने की बात कही। ग्राम प्रधान मनीष पांडेय ने बताया कि तेनुअन, तीनहरा, कोल्हुई में पानी चारों तरफ से भर गया है। अगर यहां ओवरफ्लो रोका नहीं गया तो जनधन की भारी तबाही मच सकती है।

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